Maharashtra Fadnavis or Shinde: महाराष्ट्र में भाजपा नेतृत्व वाली महायुति की सरकार के गठन में कुछ समय लग सकता है। बीजेपी नेतृत्व में मुख्यमंत्री के नाम को लेकर मंथन जारी है। जैसे ही नाम फाइनल होगा, बीजेपी विधायक दल की बैठक बुलाई जाएगी। इसके बाद नई सरकार के गठन का रास्ता साफ हो जाएगा।
इस बीच शिवसेना-एनसीपी ने साफ कर दिया है कि मुख्यमंत्री के नाम का फैसला भाजपा हाईकमान पर छोड़ दिया है। दोनों दलों ने कहा है कि जो भी फैसला लिया जाएगा वह दोनों घटक दलों को स्वीकार करना होगा।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति की भारी जीत के बाद बीजेपी के पास सीएम पद के लिए पूर्व मुख्यमंत्री और महायुति सरकार में उपमुख्यमंत्री रहे देवेंद्र फडणवीस का नाम मुख्य रूप से सामने आ रहा है। हालांकि, पार्टी नेतृत्व अभी तक इस मामले में अंतिम फैसले पर नहीं पहुंचा है।
कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि भाजपा नेतृत्व कुछ अन्य नामों पर भी विचार कर रहा है। इनमें ओबीसी और मराठा समुदाय से किसी नेता को मुख्यमंत्री बनाने का विकल्प भी शामिल हैं। यह लगभग साफ है कि मुख्यमंत्री बीजेपी का ही होगा, जबकि शिवसेना और एनसीपी से उपमुख्यमंत्री पद मिलेगा।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे देवेंद्र फडणवीस एकनाथ शिंदे सरकार में डिप्टी सीएम थे। अब यह संभावना जताई जा रही है कि नई सरकार में एकनाथ शिंदे को डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है। हालांकि, इस बारे में अभी तक केंद्रीय स्तर पर औपचारिक मंथन नहीं हुआ है।
सूत्रों के मुताबिक, शिवसेना अपने विधायकों को साधने के लिए एकनाथ शिंदे को राज्य के नेतृत्व में बनाए रखना चाहती है। शिंदे को केंद्र में भेजने से शिवसेना को नुकसान होगा। इसलिए संभावना है कि शिंदे राज्य सरकार में भी शामिल रहे। इसके अलावा एक फॉर्मूला यह भी चर्चा में है कि शिंदे को केंद्र में भेजा जाए और राज्य में उनके बेटे को डिप्टी सीएम बना दिया जाए।
भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन, जिसमें भाजपा, अजित पवार की एनसीपी और एकनाथ शिंदे की शिवसेना शामिल हैं। उसने 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के महा विकास अघाड़ी गठबंधन पर भारी जीत हासिल की है।
महायुति की 234 सीटों में से भाजपा को 133 सीटें मिलने के साथ ही फडणवीस के मुख्यमंत्री बनने की संभावनाएं प्रबल हैं, लेकिन यह फैसला उतना सीधा नहीं है जितना लगता है। गठबंधन की गतिशीलता, खासकर मराठा नेता एकनाथ शिंदे के शिवसेना गुट से समर्थन की जरूरत, फडणवीस के सीएम पद पर जाने में रोड़ा साबित हो सकती है।
इसके अलावा, महाराष्ट्र की जातिगत गतिशीलता ब्राह्मण नेता को मुख्यमंत्री पद लेने से रोक सकती है। क्योंकि मराठा समुदाय महाराष्ट्र की राजनीति पर हावी है, कम से कम 13 मुख्यमंत्री मराठा समुदाय से रहे हैं।
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महाराष्ट्र में 75% से ज़्यादा ज़मीन मराठों के पास है । वे लगभग 55% शैक्षणिक संस्थानों, 70% सहकारी समितियों, राज्य में एक प्रमुख शक्ति केंद्र को नियंत्रित करते हैं, और महाराष्ट्र में 105 चीनी कारखानों में से 86 के मालिक हैं। यह प्रभुत्व तब है जब राज्य की आबादी में समुदाय की हिस्सेदारी सिर्फ़ 30% से ज़्यादा है। इसके विपरीत, महाराष्ट्र की आबादी में ब्राह्मणों की हिस्सेदारी लगभग 10% है।
2014 में फडणवीस विरोधी लामबंदी देखी गई
जब 2014 में देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में पदभार संभाला, तो इसने मराठा गुटों में बेचैनी पैदा कर दी, जिसके कारण पूरे राज्य में फडणवीस के खिलाफ लामबंदी दिखाई देने लगी। 1995 में शिवसेना के मनोहर जोशी के मुख्यमंत्री बनने के 19 साल बाद फडणवीस महाराष्ट्र के दूसरे ब्राह्मण मुख्यमंत्री बने। उस समय, भाजपा बाल ठाकरे की शिवसेना की जूनियर पार्टनर थी, जो अब उलटा समीकरण बन गया है।
हालांकि, इन सब कयासों और अटकलों के बावजूद यह देखने वाली बात होगी कि बीजेपी और महायुति के अन्य घटक दलों के बीच इस मसले पर अंतिम फैसला कब और कैसे लिया जाएगा।