महाराष्ट्र में 24 नवंबर को बेहद ही नाटकीय ढंग से हुए देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार के शपथ ग्रहण समारोह की आंच अब नौकरशाहों तक पहुंचने लगी है। ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ में ‘मुंबई कॉन्फिडेंशल’ नाम से एक रिपोर्ट पब्लिश हुई है, जिसके मुताबिक फडणवीस और पवार के शपथ ग्रहण समारोह के लिए महाराष्ट्र के मुख्य सचिव अजय मेहता रातों रात चार्टर्ड प्लेन के जरिए दिल्ली से मुंबई पहुंचे थे। 23 नवंबर की रात को उनके अलावा अन्य कई दूसरे अफसर भी राजभवन पहुंच चुके थे। हालांकि, उनकी तत्कालीन उपस्थिति अब उनके तनाव का कारण बन चुकी है।

अजय मेहता 21 नवंबर से कैजुअल लीव पर थे और उन्होंने अतिरिक्त मुख्य सचिव सीताराम कुंटे को दफ्तर से संबंधित प्रशासनिक जिम्मेदारियां सौंपी हुई थी। लेकिन, 23 नवंबर को उन्हें रात 10:30 बजे मुंबई पहुंचने की सूचना दी गई। मेहता विशेष चार्टर्ड विमान के जरिए आनन-फानन में आधी रात को मुंबई पहुंचे और इसके बाद राजभवन चले गए। यहां वह अगली सुबह शपथ ग्रहण समारोह तक मौजूद रहे।

गोपनीय ढंग से होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में सिर्फ मुख्य सचिव मेहता ही उपस्थित नहीं थे, बल्कि अन्य IAS अधिकारी भी मौजूद थे। एडिशनल चीफ सेक्रेटरी, प्रिंसिपल सेक्रेटरी और सेक्रेटरी रैंक के अधिकारी समेत एक रिटायर्ड नौकरशाह भी शपथ ग्रहण समारोह में उपस्थित थे। लेकिन, 80 घंटे के भीतर फडणवीस सरकार के गिरते ही नई सरकार में नौकरशाहों के अपने भविष्य की चिंता सताने लगी है।

उधर, शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस की सरकार बनने के बाद पूर्व सीएम फडणवीस अब नए किरदार में आ गए हैं। उन्हें महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष नियुक्त किया गया है। नेता प्रतिपक्ष चुने जाने के बाद फडणवीस को सरकारी बंगला मंत्रालय के ठीक सामने अलॉट किए जाने की खबर है। गौरतलब है कि नई सरकार के गठन के साथ ही फडणवीस ने अपना सरकारी बंगला खाली कर दिया था।