विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को कहा कि भारत चाहता है कि यूरोपीय संघ के साथ मुक्त व्यापार समझौते (FTA) के लिए उसकी बातचीत जल्द ही किसी निर्णायक नतीजे पर पहुंचे। जयशंकर ने जर्मनी के विदेश मंत्री जोहान वेडफुल के साथ बातचीत के बाद एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह टिप्पणी की। विदेश मंत्री ने कहा कि वार्ता में अर्थव्यवस्था, जलवायु परिवर्तन, रक्षा, और प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया गया।

जयशंकर ने क्या कहा?

एस जयशंकर ने कहा कि हम भारत के साथ व्यापार को दोगुना करने संबंधी जर्मनी के लक्ष्य की सराहना करते हैं। विदेश मंत्री ने निर्यात नियंत्रण के मुद्दों को सुलझाने के लिए भी जर्मनी की प्रशंसा की। जयशंकर ने सेमीकंडक्टर क्षेत्र में भारत के साथ सहयोग के लिए जर्मनी की दिलचस्पी का भी स्वागत किया। विदेश मंत्री ने कहा कि जर्मन विदेश मंत्री वेडफुल ने उन्हें बताया कि जर्मनी भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते के समर्थन में अपना पूरा जोर लगायेगा।

जयशंकर ने कहा कि भारत और जर्मनी ग्रीन हाइड्रोजन क्षेत्र में भी सहयोग की संभावनाएं तलाश रहे हैं। उन्होंने कहा कि जर्मनी के साथ भारत के संबंध बहुत महत्वपूर्ण हैं और हम इसके लिए आगे बढ़ रहे हैं।

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जर्मन विदेश मंत्री की यह यूरोप से बाहर पहली विदेश यात्रा है। कुछ समय पहले ही विदेश मंत्री जयशंकर ने बर्लिन की यात्रा की थी और उसके तुरंत बाद जर्मन विदेश मंत्री की भारत यात्रा हुई है। जयशंकर ने कहा कि भारत और जर्मनी की रणनीतिक साझेदारी के 25 साल पूरे हो चुके हैं, जबकि वैज्ञानिक साझेदारी के 50 साल हो गए हैं। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक समझौते की नींव 60 साल पहले ही रखी गई थी।

जर्मन प्रतिनिधिमंडल ने किया बेंगलुरु का दौरा

इसके अलावा जर्मन प्रतिनिधिमंडल ने बेंगलुरु का दौरा किया। उन्होंने भारत और जर्मनी के बीच तकनीकी सहयोग की संभावनाओं का भी जिक्र किया। जर्मन विदेश मंत्री उद्योगपतियों के प्रतिनिधिमंडल और सांसदों के साथ भारत आए हैं। जयशंकर ने कहा कि भारत और जर्मनी बहुत अच्छे सहयोग की अपनी मजबूत परंपरा को आगे बढ़ाएंगे और वैश्विक मुद्दों पर मिलकर काम करेंगे।