महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव इस साल के आखिर में होने हैं। यह चुनाव एनसीपी प्रमुख अजित पवार के लिए काफी अहम माने जा रहे हैं। लोकसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाने की वजह से उनके ऊपर कई सवाल भी उठने लगे हैं। अजित पवार ने इंडियन एक्सप्रेस को एक इंटरव्यू दिया है, इस दौरान पवार ने कई सवालों के जवाब दिए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान की अफवाहों को खारिज किया और कई अन्य आरोपों के जवाब भी दिए। आप इस आर्टिकल में इस इंटरव्यू से जुड़ी खास बातें पढ़ सकते हैं।
सवाल: आपके नेतृत्व वाले एनसीपी गुट को लोकसभा चुनाव में केवल एक सीट मिली। क्या कमी रह गई है?
जवाब: लोकसभा चुनाव के दौरान विपक्ष द्वारा एक फर्जी कहानी फैलाई गई। अब की बार, 400 पार का नारा लोगों को पसंद नहीं आया, क्योंकि लोगों को लगा कि 400 सीटें जीतने के बाद एनडीए सरकार संविधान बदल देगी, समान नागरिक संहिता लाएगी, सीएए लागू करेगी, आरक्षण खत्म कर देगी। इसका काफी असर हुआ। साथ ही 400 पार के नारे और अभियान के कारण हमारे पार्टी कार्यकर्ता निश्चिंत हो गए कि हम ही जीत रहे हैं। फिर भी हमारा वोट प्रतिशत बहुत ज़्यादा नहीं गिरा है।
सवाल: आपने हाल ही में कहा था कि आप बारामती सीट से विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे, क्योंकि आप वहां से छह-सात बार चुनाव लड़ चुके हैं।
जवाब: मैंने ऐसा नहीं कहा था। पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा जय (अजीत पवार के छोटे बेटे) को बारामती से विधानसभा चुनाव लड़ाने की मांग के बारे में एक सवाल पूछा गया था। जिस पर मैंने कहा था कि यह लोकतंत्र है, ऐसी मांग की जा सकती है और मैं वहां से सात-आठ बार विधायक रह चुका हूं। तो वहीं से यह अटकलें शुरू हुईं। अब पार्टी तय करेगी कि कौन कहां से चुनाव लड़ेगा, अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है।
सवाल: आपने कहा कि आपने अपनी पत्नी सुनेत्रा को बारामती से अपनी चचेरी बहन सुप्रिया सुले के खिलाफ लोकसभा चुनाव में खड़ा करके गलती की?
जवाब: मैं दिल से बोल रहा हूँ। मालवण में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति के दुर्भाग्यपूर्ण रूप से गिरने पर मैंने राज्य से माफ़ी मांगी। हम उचित जांच करेंगे, आरोपियों के खिलाफ उचित कार्रवाई करेंगे। छत्रपति शिवाजी महाराज हमारे आदर्श हैं और मुझे लगा कि मुझे माफ़ी मांगनी चाहिए. इसी तरह, मुझे एक दिन लगा कि मुझे उन्हें (सुनेत्रा) बारामती से मैदान में नहीं उतारना चाहिए था। ऐसा नहीं है कि किसी ने मुझे ऐसा करने के लिए कहा था।
सवाल: आपने यह भी कहा कि आप शरद पवार के खिलाफ अब और नहीं बोलेंगे?
जवाब: यह सिर्फ साहेब (शरद पवार) के बारे में नहीं है। मैंने तय किया है कि मैं किसी के खिलाफ नहीं बोलूंगा… मैं अपना काम करूंगा और उसी के बारे में बोलूंगा।
सवाल: आपने जन सम्मान यात्रा शुरू की है, इसका मकसद क्या है?
जवाब: इस यात्रा का उद्देश्य राज्य के लोगों के प्रति आभार व्यक्त करना है। हमारी पांच पहल हैं, जिनमें माझी लड़की बहन योजना, मुफ़्त बिजली योजनाएं, गैस सिलेंडर पर सब्सिडी, अप्रेंटिसशिप योजना और महिलाओं, ओबीसी और आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्गों के लिए ट्यूशन और परीक्षा शुल्क की 100% प्रतिपूर्ति शामिल है। इसलिए जन सम्मान यात्रा के जरिए से आभार व्यक्त करते हुए हम लोगों को सरकार की पहलों से अवगत करा रहे हैं।
सवाल: क्या महायुति के पास कोई सीएम चेहरा होगा?
जवाब: नहीं, सबसे पहले, तीनों पार्टियों (शिवसेना, बीजेपी और एनसीपी) का प्राथमिक उद्देश्य बहुमत का आंकड़ा हासिल करना है। उसके बाद हम सीएम चेहरे के बारे में सोच सकते हैं। लेकिन सीएम निश्चित रूप से महायुति का ही होगा।
सवाल: सीएम उस पार्टी का होगा जो चुनावों में सबसे ज़्यादा सीटें जीतेगी?
जवाब: नहीं. मेरा मतलब है कि हम इतनी जल्दी ऐसी चीज़ों के बारे में कैसे तय कर सकते हैं? ऐसी चीज़ें पहले से तय नहीं होती हैं. पहले कई चीज़ों पर विचार करना होता है।