सिंगापुर में असमिया सुपरस्टार जुबीन गर्ग की मौत से जुड़ी जांच की चार्जशीट बीते सप्ताह पुलिस ने सबमिट कर दी है। पुलिस ने अपनी चार्जशीट में कहा है कि नशे की हालत में जुबीन को समंदर में जाने के लिए उकसाया गया और डूबने की स्थिति में उन्हें बचाने के लिए कुछ खास कोशिश नहीं की गई।
इसी कारण राज्य सरकार का मानना है कि आरोपियों के खिलाफ हत्या का आरोप लगाया जाना चाहिए। इन्हीं सभी को देखते हुए मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा कई बार कहा कि सिंगर की मौत कोई हादसा नहीं बल्कि एक हत्या है।
नौका पर पार्टी करने गए थे जुबीन
जुबीन उत्तर पूर्व भारत महोत्सव के सांस्कृतिक ब्रांड एंबेसडर के रूप में सिंगापुर में थे। पर्व शुरू होने से पहले वह नौका में घूमने और पार्टी करने गए, जो असम एसोसिएशन सिंगापुर ने मुहैया करवाई थी। समंदर में तैरने के दौरान ही वह बेहोश हो गए और फिर सिंगापुर जनरल अस्पताल पहुंचने पर उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। सिंगापुर अधिकारियों ने सिंगर की मौत का कारण डूबना बताया, जबकि असम पुलिस ने अपनी जांच में पाया कि उस वक्त वह नशे में थे।
चार लोगों पर हत्या का लगा आरोप
इंडियन एक्सप्रेस को पता चला है कि पुलिस ने चार लोगों पर हत्या का आरोप लगाया है, जिसमें फेस्टिव ऑर्गनाइजर श्यामकनु महंत, जुबीन के मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा, और को-म्यूजिशियन शेखर ज्योति गोस्वामी और अमृतप्रवा महंत शामिल हैं। उनके चचेरे भाई और असम पुलिस सर्विस अधिकारी संदीपन गर्ग पर गैर-इरादतन हत्या का आरोप लगाया गया है।
महंत भी उस समय पर्व में सिंगापुर में थे, जब वे चारों नौका पर मौजूद थे।
जुबीन के मैनेजर पर ये आरोप
जुबीन के मैनेजर सिद्धार्थ पर आरोप है कि उन्होंने सिंगर नशीले पदार्थ पिलाए, जिस कारण वे सुध-बुध खो बैठे और फिर उन्हें बिना लाइफ जैकेट के तैरने पर मजबूर किया गया, जबकि उनके डॉक्टर ने उन्हें पानी और आग से दूर रहने को कहा था। चार्जशीट में यह भी कहा गया कि जुबीन को मिर्गी की बीमारी थी।
ड्रमर ने नहीं थी पूरी कोशिश
ड्रमर शेखर ज्योति पर आरोप है कि जुबीन को पानी में जाने के लिए उकसाया और उन्हें बचाने के लिए उन्होंने कुछ खास कोशिश नहीं की।
ऑर्गनाइजर पर ये आरोप
यह भी पता चला कि ऑर्गनाइजर श्यानकनु पर आरोप है कि उन्होंने मेडिकल एडवाइस के खिलाफ जुबीन को व्हिस्की की बोतल दी और नौका पार्टी के ऑर्गनाइजरों को उनके मेडिकल कंडीशन के बारे में नहीं बताया। उन पर यह भी आरोप है कि उन्होंने मेडिकल व्यवस्था नहीं कि जिससे जुबीन को बचाने का सुनहरा मौका चला गया और घटना के 75 मिनट पर उन्हें एंबुलेंस उपलब्ध कराया।
अमृताप्रवा ने पिलाई अधिक शराब
अमृताप्रवा पर आरोप लगाया गया कि जुबीन को उन्होंने अधिक एल्कोहल पिलाया और जुबीन के मैनेजर को नहीं बताया, न ही ऑर्गनाइजर और न उनकी पत्नी को जिससे वह नशे में धुत हो गये और न ही सो सके और न खाना खा सके। उन पर यह भी आरोप है कि उन्होंने बिना लाइफ जैकेट के तैरने के लिए जुबीन को उकसाया।
मैनेजर उठा रहे थे वित्तीय फायदा
मैनेजर सिद्धार्थ पर यह भी आरोप है कि वह पीड़ित के रिटायर होने का प्लान बना रहे थे और उनका वित्तीय फायदा भी उठा रहे थे। सिद्धार्थ पर हाल के दिनों में महावीर एक्वा, होटल हेरिटेज और ट्रांसपोर्ट बिजनेस में निवेश करके अपने वित्तीय हितों को साधने का भी आरोप लगाया गया है।
चचेरे भाई पर भी ये आरोप
जुबीन गर्ग के चचेरे भाई संदीपन पर आरोप है कि उन्होंने शेखर और जुबीन को लंबी दूरी तक तैरने के लिए उकसाया और देरी से पीड़ित को बचाने के लिए पानी में कूदे।
पीएसओ नहीं गए थे साथ
अन्य दो पुलिसकर्मी जो जुबीन की सिक्योरिटी (पीएसओ) में लगे थे, नंदेश्वर बोरा और परेश बैश्य जुबीन के साथ सिंगापुर नहीं गए। इन दोनों पर आपराधिक साजिश और विश्वासघात का आरोप लगाया गया है।
चार्जशीट में कहा गया है कि आरोपी पुलिसकर्मियों को जुबीन की चल संपत्ति सौंपी गई थी, जिसे उन्होंने “बेईमानी से हड़प लिया और अपने निजी इस्तेमाल के लिए इस्तेमाल किया”।
हालांकि आरोपियों के वकील ने इस घटनाक्रम पर कोई टिप्पणी नहीं की।
मामले को सत्र न्यायालय में भेज दिया गया है, जहां 22 दिसंबर से सुनवाई शुरू होगी।
