इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी पड़ताल में पाया है कि जब से धामी सरकार ने George Everest Park प्रोजेक्ट का टेंडर Rajas Aerosports and Adventures को सौंपा है, कंपनी की तकदीर पूरी तरह बदल चुकी है। कंपनी की सालाना रिपोर्ट बताती है कि उसके टर्नोवर में करीब-करीब आठ गुना इजाफा हुआ है। जो आंकड़ा 2023-24 में 1.17 करोड़ था, अब वो बढ़कर 9.82 करोड़ हो चुका है। इसी अवधि में उसका नुकसान 2.35 करोड़ दर्ज किया गया है, लेकिन पिछले साल की तुलना में यह सिर्फ चार गुना ज्यादा है।
वहीं जिस George Everest Park प्रोजेक्ट पर धामी सरकार का खास फोकस है, उसका भी कायाकल्प हो चुका है। 2.2 लाख पर्यटक यहां पहुंचे हैं, अब तक 3402 हेलीकॉप्टर सर्विस ली जा चुकी हैं। इसके अलावा पार्किंग चार्ज भी लिए जा रहे हैं, उससे भी सीधा फायदा हो रहा है। इस समय चार घंटे के लिए दो पहिया वाहन के लिए 100 रुपये लिए जा रहे हैं, चार पहिया वाहन के लिए 200 रुपये। अगर कोई अपनी गाड़ी को म्यूजियम तक ले जाना चाहता है तो उससे चार घंटे के 1000 रुपये लिए जा रहे हैं, वहीं हर अतिरिक्त घंटे के 200 रुपये अलग से चार्ज हो रहे हैं।
इसके अलावा 12 साल तक के बच्चों के लिए 100 रुपये की एंट्री रखी गई है, एडल्ट से 200 रुपये चार्ज किए जा रहे हैं। वहीं पांच से सात मिनट की एयर सफारी के लिए 5000 रुपये चार्ज किए जा रहे हैं, 10 से 12 मिनट के लिए 7999। वहीं अगर किसी को 50 से 60 मिनट का Himalayan expedition करना है तो उसका खर्चा 30999 रुपये रहेगा। अगर चार्टर्ड हेलिकॉप्टर से कोई जाएगा तो उसका खर्चा 1.84 लाख बैठेगा। अब एक तरफ विकास हो रहा है तो वहीं दूसरी तरफ Rajas Aerosports को काफी फायदा पहुंचा है।
पिछले साल दिसंबर में कंपनी ने अपने ऑपरेशन्स को और ज्यादा बढ़ाने के लिए पर्यटन विभाग को एक चिट्ठी भी लिखी थी। कंपनी George Everest का स्विजरलैंड की तर्ज पर विकास करना चाहती थी। उसके प्लान को हकीकत का अमलीजामा पहनाने के लिए 500 करोड़ से ज्यादा रुपये की दरकार थी। इस साल फरवरी में पर्यटन विभाग के डिप्टी डायरेकट्र अमित लोहानी ने कंपनी से इसे लेकर एक ब्लूप्रिंट भी मांगा था। अब एक तरफ इस कंपनी को उत्तराखंड सरकार की पहल की वजह से फायदा हुआ है, वहीं इसी कंपनी के साथ एक विवाद भी जुड़ा है।
इंडियन एक्सप्रेस की पड़ताल में पता चला है कि इस कंपनी के एक बड़े शेयर होल्डर खुद आचार्य बालकृष्ण हैं। हैरानी की बात यह है कि जब George Everest Park प्रोजेक्ट के लिए बोली लगाई जा रही थी, तब तीन कंपनियों ने हिस्सा लिया था। तीनों ही कंपनी में बालकृष्ण की शेयर होल्डिंग सामने आई। यहां भी जिस Rajas Aerosports and Adventures को टेंडर मिला, उसमें बालकृष्ण की हिस्सेदारी 69.43 फीसदी हो गई थी।
ये भी पढ़ें- टेंडर एक को ही मिला, लेकिन शेयरहोल्डर हर में बालकृष्ण