ऑस्ट्रेलिया के बाॅन्डी बीच पर आतंकी हमले में 15 लोगों की मौत हुई। हमले में शामिल एक आरोपी तेलंगाना के हैदराबाद का है। बॉन्डी बीच शूटर साजिद अकरम 2001 में अपनी यूरोपियन मूल की पत्नी को निकाह सेरेमनी के लिए हैदराबाद लाया था। वहीं उसके बेटे नवीद अकरम (जो आतंकी हमले में आरोपी है) को 2004-05 के आसपास अपने माता-पिता से मिलवाने के लिए लाया था। द इंडियन एक्सप्रेस को जांच कर रहे अधिकारियों से यह पता चला है।
मास शूटिंग में 15 लोगों की मौत
अधिकारियों ने उनके करीबी रिश्तेदारों से पूछताछ की है। सिडनी में हनुक्का सेलिब्रेशन के दौरान हुई मास शूटिंग में 15 लोगों की मौत हुई। इसके बाद जांच एजेंसियों ने बंदूकधारियों की पहचान 50 वर्षीय साजिद और उसके 24 वर्षीय बेटे नवीद के रूप में की। साजिद 1998 में ऑस्ट्रेलिया चला गया था और वहीं नवीद का जन्म वहीं हुआ था। तेलंगाना के एक इंटेलिजेंस अधिकारी ने (जिन्होंने पूछताछ की) द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “साजिद के परिवार से पूछताछ करनी पड़ी क्योंकि हमें यह जानना था कि क्या उन्हें हमले के बारे में कोई अंदाज़ा था। उन्होंने सहयोग किया। हमें अब तक कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला है।”
अधिकारी ने कहा, “उन्हें यह जानकर झटका लगा कि वह (साजिद) ऐसा कुछ कर सकता है। उन्होंने तुरंत हमें हैदराबाद आने के बारे में जो कुछ भी पता था, सब बता दिया।” भारतीय पासपोर्ट धारक साजिद, कॉमर्स में बैचलर डिग्री पूरी करने के बाद नौकरी की तलाश में ऑस्ट्रेलिया चला गया था। उसने यूरोपियन मूल की एक महिला से शादी की, और उनके दो बच्चे हुए नावेद और एक बेटी।
2001 में भी आया था हैदराबाद
एक इंटेलिजेंस सूत्र ने बताया, “2001 में वह अपनी पत्नी को अपने माता-पिता से मिलवाने के लिए हैदराबाद आया था। उन्होंने निकाह किया।” 2004-05 में वह नावेद के साथ टोलीचौकी में घर आया था। इंटेलिजेंस अधिकारी ने कहा, “वह चाहता था कि उसके माता-पिता उसके बेटे से मिलें।” साजिद के पिता की 2009 में मृत्यु हो गई।
2012 और 2016 में साजिद पैतृक संपत्ति में अपना हिस्सा बेचने के लिए हैदराबाद आया था। इंटेलिजेंस अधिकारी ने कहा, “हम सोच रहे थे कि क्या उसके पास अभी भी हैदराबाद में संपत्ति है। ऐसा नहीं है। टोलीचौकी में अपने भाई के घर के अलावा उसके पास रहने के लिए कोई घर नहीं था।” तेलंगाना के डीजीपी बी शिवधर रेड्डी ने मंगलवार को एक प्रेस बयान में कहा था कि भारत में रहने के दौरान साजिद के नाम पर किसी भी तरह का कोई प्रतिकूल रिकॉर्ड नहीं है। एक इंटेलिजेंस सूत्र ने दावा किया, “माना जाता है कि साजिद और उसके बेटे को ऑस्ट्रेलिया में कट्टरपंथी बनाया गया था।”
साजिद को ऑस्ट्रेलियाई नागरिकता क्यों नहीं मिली?
तेलंगाना में इंटेलिजेंस अधिकारियों के लिए यह एक रहस्य बना हुआ है कि साजिद को ऑस्ट्रेलियाई नागरिकता क्यों नहीं मिली। एक इंटेलिजेंस सूत्र ने बताया, “उसके परिवार ने कहा कि उसने नागरिकता के लिए अप्लाई किया था, लेकिन उसे मिली नहीं। हम अभी इसकी पुष्टि कर रहे हैं।” इस बीच, हैदराबाद के टोलीचौकी में परिवार का दो मंजिला घर एक तरह का आकर्षण बन गया है। वहां भीड़ जमा हो गई।
साजिद का बड़ा भाई एक जनरल फिजिशियन है, जो 2002 से इस घर में रह रहा है, जब वे हैदराबाद के चारमीनार इलाके से यहां आए थे। भाई की पत्नी, दो कॉलेज जाने वाले बच्चे और उसकी मां भी वहीं रहते हैं। एक पड़ोसी ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि वे नहीं चाहते कि उन्हें कोई देखे। पढ़ें हमास के हमले के बाद सिडनी की गोलीबारी में भी बचे शख्स ने क्या कहा?
