उदयपुर घटना के आरोपियों के साथ कनेक्शन के बाद दावत-ए-इस्लामी संगठन एक बार फिर चर्चाओं में है। ये कोई पहला मौका नहीं है, पहले भी कई बार संगठन को लेकर शक पैदा हुआ, लेकिन कोई कानूनी कार्रवाई नहीं हुई। एक टीवी डिबेट में जब एंकर ने ये सवाल किया तो यूपी के पूर्व डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि भारत बहुत बड़ा देश है, मुस्लिम समाज के लोगों को आगे आकर अपील करने की जरूरत है।
पूर्व डीजीपी ने कहा कि हमारा रूल बहुत स्ट्रोंग है और इसमें जो एजेंसियां काम कर रही हैं उन्हें और भी काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कट्टरपंथी जो हो रहे हैं, उनके बारे में इंटेलीजेंस एजेंसियों को पता चल रहा है और जैसे-जैसे पता चल रहा है उन पर कार्रवाई हो रही है। उन्होंने कहा, “भारत एक बहुत विशाल देश है। मुस्लिम समाज के लोगों को आगे आकर अपील करने की जरूरत है। हमारे पास इस बात के प्रमाण हैं कि पाकिस्तान इसको उकसा रहा है, तो क्यों नहीं हम उस पर काम कर रहे हैं।”
उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी ने कहा कि कट्टरता (Radicalization) विभिन्न स्तरों पर हो रही है। उन्होंने कहा कि पहले डिजिटल टेक्नोलॉजी इतनी नहीं थी, तो रेडिकलाइजेशन डायरेक्ट आकर होता था या लिटरेचर के जरिए होता था। अब ऑनलाइन ट्रेनिंग दी जा रही है।
उन्होंने एक किस्सा याद करते हुए बताया, “उत्तर प्रदेश में एक कट्टरपंथी को उसका फोन टैप करके पकड़ा था। उससे जब बात हुई तो पता चला कि कट्टरता का ऑपरेशन कई महीनों से चल रहा था। उसे सही समय पर पकड़ लिया और उसको डिरेडिकलाइज किया। हम लोगों के कई ऐसे डिरेडिकलाइज के प्रोसेस होते हैं।”
उन्होंने कहा कि ये भी फैक्ट है कि ऑनलाइन ट्रेनिंग दी जा रही है। उन्होंने कहा कि और इसका तो प्रमाण मिला कि 319 लोगों के कार्ड की डिटेल उदयपुर घटना के आरोपी के फोन पर मिली, 20 पाकिस्तानियों से उसके संपर्क के भी सुबूत मिले। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर खास नजर रखने की जरूरत है क्योंकि वहां पर ऑनलाइन ट्रेनिंग दी जा रही है।