समाजवादी पार्टी की प्रवक्ता पंखुड़ी पाठक ने पार्टी छोड़ने का ऐलान किया है। ये ऐलान समाजवादी पार्टी के द्वारा नए प्रवक्ताओं की लिस्ट जारी करने के बाद किया गया है। दरअसल सोमवार (27 अगस्त) को समाजवादी पार्टी ने अपने प्रवक्ताओं की नई लिस्ट जारी करने का ऐलान किया था। नई लिस्ट में 24 लोगों को समाजवादी पार्टी का पक्ष रखने के लिए अधिकृत किया गया था। लेकिन इस नई लिस्ट में पंखुड़ी पाठक का नाम नहीं था।
इसी के ठीक एक घंटे बाद पंखुड़ी पाठक ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से धड़ाधड़ कई ट्वीट करते हुए पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया। अपने ट्वीट में पंखुड़ी ने लिखा,’ ‘ भारी मन से सभी साथियों को सूचित करना चाहती हूँ कि @samajwadiparty के साथ अपना सफ़र मैं अंत कर रही हूँ। 8 साल पहले विचारधारा व युवा नेतृत्व से प्रभावित हो कर मैं इस पार्टी से जुड़ी थी लेकिन आज ना वह विचारधारा दिखती है ना वह नेतृत्व। जिस तरह की राजनीति चल रही है उसमें अब दम घुटता है।”
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) August 27, 2018
अपने अगले ट्वीट में उन्होंने लिखा, ” कभी जाति कभी धर्म तो कभी लिंग को ले कर जिस तरह की अभद्र टिप्पणियाँ लगातार की जाती हैं और पार्टी नेतृत्व सब कुछ जान कर भी शांत रहता है यह दिखता है कि नेतृत्व ने भी इस स्तर की राजनीति को स्वीकार कर लिया है। ऐसे माहौल में अपने स्वाभिमान के साथ समझौता कर के बने रहना अब मुमकिन नहीं है।”
भारी मन से सभी साथियों को सूचित करना चाहती हूँ कि @samajwadiparty के साथ अपना सफ़र मैं अंत कर रही हूँ।8 साल पहले विचारधारा व युवा नेतृत्व से प्रभावित हो कर मैं इस पार्टी से जुड़ी थी लेकिन आज ना वह विचारधारा दिखती है ना वह नेतृत्व। जिस तरह की राजनीति चल रही है उसमें अब दम घुटता है
— Pankhuri Pathak (@pankhuripathak) August 27, 2018
पंखुड़ी ने अपनी राजनीतिक संभावनाओं के बारे में भी अगला ट्वीट करके स्थितियों को साफ करने की कोशिश की। उन्होंने लिखा, ” मुझे पता है कि इसके बाद मेरे बारे में तरह तरह की अफ़वाहें फैलाई जाएँगी। लेकिन मैं स्पष्ट करना चाहती हूँ कि मैं किसी भी राजनैतिक दल से सम्पर्क में नहीं हूँ ना ही किसी से जुड़ने का सोच रही हूँ।अन्य ज़िम्मेदारियों के चलते जो उच्च शिक्षा अधूरी रह थी अब उसे पूरा करने का प्रयास करूँगी।”
वैसे बता दें कि देश का सबसे बड़ा राजनीतिक परिवार समझे जाने वाले समाजवादी कुनबे में इन दिनों सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और संस्थापक मुलायम सिंह यादव सिर्फ एक दिन पहले ही ये कह चुके हैं कि पार्टी में कोई भी मेरा सम्मान नहीं करता है। शायद मरने के बाद ही करें। वहीं कभी पार्टी के हर फैसले में अहम भूमिका निभाने वाले लेकिन वर्तमान में हाशिए पर मौजूद नेता शिवपाल सिंह यादव की भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से बढ़ती नजदीकियों पर भी कई लोगों की निगाह बनी हुई है।