Haryana Assembly Elections: हरियाणा की राजनीति में नेता कब पलटी मार जाएं और कब किसका समर्थन करने लग जाए तो कोई आश्चर्य की बात नहीं है। हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर इस बार ऐसा ही कुछ देखने को मिल रहा है। इसी बीच हिसार विधानसभा सीट की राजनीति में बड़ा चौंकाने वाला उलटफेर हुआ है।
साल 2014 के विधानसभा चुनाव में यहां 47 साल बाद कमल गुप्ता का समर्थन कर कमल खिलाने में अहम भूमिका निभाने वाली पूर्व राज्यसभा सदस्य सुभाष चंद्रा ने इस बार धुर-विरोधी रहे जिंदल परिवार को वोट देने की अपील की है। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी कमल गुप्ता का साथ छोड़ दिया। इसका जिक्र सुभाष चंद्रा ने अपने एक्स हैंडल पर भी किया है।
अपने एक्स हैंडल पर सुभाष चंद्रा ने सावित्री जिंदल के पक्ष में मतदान करने की अपील की है। बता दें, सुभाष चंद्र लंबे समय से डॉक्टर कमल गुप्ता से नाराज चल रहे हैं। उन्होंने 10 सितंबर को अपने एक्स हैंडल पर एक पोस्ट कर लिखा था कि डॉक्टर कमल गुप्ता ने उनका फोन कर आशीर्वाद मांगा था, मगर सुभाष चंद्र ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था कि छोटे भाई ने 5 साल तक उनको फोन भी नहीं किया था।
सुभाष चंद्रा से चार दिन पहले भी हिसार आगमन पर पार्टियों और निर्दलीय उम्मीदवारों ने मुलाकात की थी। उस समय भी उन्होंने कमल गुप्ता पर कटाक्ष किया था। साथ ही कहा था कि सिर्फ भाजपा उम्मीदवार उनके पास नहीं आए हैं।
सुभाष चंद्रा ने अपने एक्स सैंडल से सावित्री जिंदल को समर्थन करने का ऐलान तो किया ही साथ ही डॉक्टर कमल गुप्ता को नसीहत देते हुए लिखा कि जब कभी तूफान आता है तो जो पेड़ झुकना नहीं जानते वह टूटकर गिर जाते हैं। सुभाष चंद्र के एक्स हैंडल पर जवाब में सावित्री जिंदल ने भी उनका धन्यवाद किया।
अगर सुभाष चंद्रा के सिलसिलेवार एक्स पोस्ट पर नजर डालें तो उन्होंने सबसे पहला पोस्ट 10 सितंबर को किया। जिसमें चंद्रा लिखते हैं, ‘हरियाणा विधान सभा के लिए हिसार से BJP के प्रत्याशी से ३ दिन पहले मेरा फ़ोन का वार्तालाप: कगु:भाईसाहिबसादर प्रणाम और बधाई। सच: किस बात की बधाई, गुप्ता जी? कगु: आपके छोटे भाई को टिकट मिलने की। सच: छोटा भाई क्या पांच साल बाद फ़ोन करता है, कम से कम तीज त्योहार पर तो फ़ोन करता है? कगु: इसीलिए आपका आशीर्वाद चाहिए। सच: इस बार तो मेरा आशीर्वाद नहीं मिलेगा, क्योंकि हिसार की जनताआपसे बहुत नाराज़ है।’
10 सितंबर के बाद सुभाष चंद्रा 16 सितंबर को अपने एक्स हैंडल पर लिखते हैं, ‘मैं दो दिन हिसार में 7-8०० लोगों से मिला। इन दोनों दिनों में हिसार विधान सभा के लिए चुनाव के सभी प्रत्याशी सभी दलों और निर्दलीय मिलने और समर्थन मांगने आये। केवल BJP के प्रत्याशी नहीं आये। आज-कल में widhawal होने के बाद ही तय कर पायेंगे कि कौन उपयुक्त व्यक्ति हिसार के लिये सही प्रतिनिधि होगा, उसी अनुसार मैं आप सब से उन्हें मतदान करने की सिफ़ारिश करूँगा। आप सबका प्यार इसी तरह बना रहे।’
16 सितंबर के बाद सुभाष चंद्रा 18 सिंतबर फिर से एक बार पोस्ट लिखते हैं, ‘जब कभी तूफ़ान आता है तो जो पेड़ झुकना नहीं जानते वो टूट कर गिरते हैं। घास की तरह जो व्यक्ति ज़मीन से जुड़ा रहता है वह उस भयावह तूफ़ान को आसानी से सहन कर फिर हरा भरा हो कर पर्यावरण की यानी समाज की सेवा करने के लिए सक्षम होता है। आप सबका प्यार बना रहे।’
18 सितंबर के बाद सुभाष चंद्रा 20 सितंबर को हिसार से निर्दलीय प्रत्याशी सावित्री जिंदल के समर्थन की बात करते हैं। जिसमें वो लिखते हैं, ‘जैसा मैंने सबसे वायदा किया था। हिसार विधानसभा में जनता और हिसार के लिये श्रीमती सावित्री जी जिंदल उपयुक्त और सही उम्मीदवार हैं। हालांकि मैं वस्तुतः BJP समर्थक परिवार से हूँ, फिर भी एक निर्दलीय के लिए मत दान की अपील कर रहा हूँ। BJP का समर्थन करना मेरा निजी विचार है परंतु हिसार के लोग और यह शहर मेरा है, इसलिए इसके प्रति भी मेरा एक धर्म है। इसलिए हिसार के voters से मेरी कर बध प्रार्थना है कि सावित्री जी को वोट दें। आभार।’
कभी थे एक दूसरे के विरोधी
जिंदल और चंद्रा परिवार सालों तक एक-दूसरे के धुर-विरोधी रहे हैं। दोनों की तरफ से एक-दूसरे पर व्यापारिक दृष्टि से मामले भी दर्ज करवाए गए। 6 साल पहले दोनों के बीच विवाद खत्म हो गया था