Former PM Manmohan Singh Passes Away: देश के पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का गुरुवार को 92 साल की उम्र में निधन हो गया। वरिष्ठ कांग्रेस नेता को गुरुवार शाम को तबीयत बिगड़ने के बाद गंभीर हालत में दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था। सिंह इस साल की शुरुआत में राज्यसभा से रिटायर हुए थे। संसद के ऊपरी सदन में 33 साल का कार्यकाल खत्म हुआ। पूर्व पीएम ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि वह सिर्फ भारत के एक्सीडेंटल पीएम ही नहीं थे, बल्कि देश के एक्सीडेंटल वित्त मंत्री भी थे।
देश के पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने साल 2019 में पुस्तक ‘चेंजिंग इंडिया’ के लॉन्च के मौके पर कहा था कि मुझे देश के एक्सीडेंटल प्रधानमंत्री के रूप में जाना जाता है, लेकिन मुझे लगता है कि मैं एक एक्सीडेंटल वित्त मंत्री भी था। उनके निधन के बाद अब यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, एक इंटरव्यू में उन्होंने नरसिम्हा राव की सरकार में वित्त मंत्री बनने की कहानी बताते हुए कहा, ‘जब वह मुझे वह वित्त मंत्री बनाना चाहते थे तब मैं रोजाना की तरह अपने ऑफिस यूजीसी में बैठा हुआ था। उन्होंने मुझे फोन किया और कहा कि आप कहां हो? मैंने जवाब दिया कि मैं अपने ऑफिस में बैठा हूं। तब उनका रिप्लाई आया, आपको मंत्री पद की शपथ लेनी है।’ पूर्व पीएम ने कहा कि उस समय उन्होंने उनकी बात को गंभीरता से नहीं लिया।
नरसिम्हा राव की सरकार में रहे वित्त मंत्री
भारत के 14वें प्रधानमंत्री रहे सिंह एक प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री थे। उनके कार्यकाल के दौरान देश ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम समेत कई कल्याणकारी योजनाओं को लागू किया। इससे पहले सिंह ने 1990 के दशक की शुरुआत में नरसिम्हा राव के नेतृत्व वाली सरकार के तहत वित्त मंत्री के तौर पर काम किया।
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भारत के पूर्व पीएम का शैक्षणिक करियर
भारत के पंजाब प्रांत के एक गांव में 26 सितम्बर 1932 को जन्मे सिंह ने 1948 में पंजाब यूनिवर्सिटी से मैट्रिक की परीक्षा पास की। उनका शैक्षणिक जीवन उन्हें पंजाब से ब्रिटेन के कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय ले गया। यहां पर उन्होंने 1957 में अर्थशास्त्र में फर्स्ट क्लास ऑनर्स की डिग्री हासिल की। इसके बाद सिंह ने 1962 में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के नफिल्ड कॉलेज से अर्थशास्त्र में डीफिल की डिग्री हासिल की। 1971 में सिंह वाणिज्य मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार के रूप में भारत सरकार में शामिल हुए।
इसके तुरंत बाद 1972 में उन्हें वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया। अपने सार्वजनिक जीवन में सिंह को मिले अनेक पुरस्कारों और सम्मानों से भी नवाजा गया है। अपने राजनीतिक जीवन में सिंह 1991 से राज्यसभा के सदस्य रहे हैं। यहां पर वे 1998 से 2004 के बीच विपक्ष के नेता थे। सिंह ने 2004 के आम चुनावों के बाद 22 मई को प्रधान मंत्री के रूप में शपथ ली और 22 मई 2009 को दूसरे कार्यकाल के लिए पद की शपथ ली। मनमोहन सिंह न होते तो डूब जाती भारतीय अर्थव्यवस्था! सिर्फ दो हफ्ते का था रिजर्व, फिर कर दिया कमाल पढ़ें पूरी खबर…