गोवा पुलिस इस बात की जांच करने में जुटी है कि क्या रिटायर्ड मेजर जनरल का बेटा समीर सरदाना देश में सीरियल ब्लास्ट की साजिश रच रहा था। गोवा के डीजीपी टीएन मोहन ने बताया कि समीर के ई-मेल पर मिले एक लैटर से इस बात का खुलासा हुआ है। पहले समीर का लैपटॉप नहीं खुल रहा था, लेकिन एटीएस ने अब इसे डिकोड कर लिया है। लैपटॉप में एक लेटर मिला है, जिसमें भारत में सीरियल ब्लास्ट का जिक्र है।
समीर सरदाना को गोवा एटीएस ने छह दिन पहले कस्टडी में लिया था। उसके बारे में बताया जा रहा है कि वह हिंदू है, लेकिन इस्लाम धर्म का पालन करता है। डीजीपी मोहन ने कहा, ‘समीर ने पुलिस इन्फॉर्मेशन छिपाने की पूरी कोशिश की थी। पहले उसने कहा कि यह लेटर उसने नहीं लिखा। हमें एक ईमेल मिला है, लेकिन किसे भेजा गया है, ये आइडेंटिफाई नहीं कर पा रहे हैं। फिलहाल उसे क्रॉस चैक किया जा रहा है।’
एक अन्य सीनियर पुलिस अफसर के मुताबिक समीर के पास पहले हुए बम धमाकों की पूरी जानकारी है। ‘हालांकि वह यह नहीं बता रहा है कि देश में बम ब्लास्ट करने को लेकर उसने किसे लेटर लिखा था।’ ‘पिछले एक साल में वह मुंबई, गोवा, पुणे आता-जाता रहा है।’ शनिवार को समीर को इंस्टीट्यूट ऑफ साइकाइट्रिक एंड ह्यूमन बिहेवियर (IPHB) भी लाया गया था।
एटीएस ने उसके पास से कुछ डॉक्यूमेंट्स भी बरामद किए हैं। इनमें बताया गया है कि इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) और कैमिकल से बम कैसे बनाया जाए। समीर ने यह भी नहीं बताया कि उसे ये डॉक्यूमेंट्स कहां से मिले। 44 साल का समीर पेशे से चार्टर्ड अकांउटेंट है। वह हांगकांग, मलेशिया और सऊदी अरब समेत कुछ देशों में कई मल्टी नेशनल कंपनियों के लिए काम कर चुका है। 2014 में वह भारत आया। गोवा पुलिस ने समीर को 1 फरवरी को अरेस्ट किया था। इसके बाद उससे लगातार पूछताछ की जा रही है।
समीर ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीकॉम किया है। फिलहाल, वह मुंबई में रह रहा था। समीर वास्को स्टेशन पर संदिग्ध हालत में घूमता पाया गया था। पुलिस को उसके पास से पांच पासपोर्ट और सात मोबाइल फोन भी मिले हैं। जानकारी के मुताबिक समीर के मोबाइल में बिल्कुल भी स्टोरेज स्पेस नहीं था।

