बिहार के बेगूसराय से बड़ी खबर आ रही है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार के काफिले पर हमला हुआ है। हमला करने वालों की पहचान अभी नहीं हो सकी है। हमलावरों ने काफिले की गाड़ियों पर हमला करके गाड़ी के शीशे चकनाचूर कर दिए हैं। जानकारी के मुताबिक कन्हैया कुमार के काफिले में शामिल कई लोगों को चोटें भी आई हैं।

बताया जा रहा है कि ये घटना भगवानपुर थाना के दहिया गांव के पास की है। कन्हैया कुमार मंसूरचक इलाके में सभा कर के लौट रहे थे। सभा से लौटते वक्त ही अज्ञात हमलावरों ने कन्हैया कुमार के काफिले पर हमला बोल दिया। इस दौरान हमलावरों ने जमकर बवाल किया। कन्हैया कुमार के काफिले में चल रहे वाहनों को निशाना बनाया गया। गाड़ियों के शीशे तोड़ दिए गए। इस हमले में कई लोग चोटिल हो गए हैं। हमले के बाद कन्हैया कुमार ने स्‍थानीय मीडिया से बातचीत में अपनी प्रतिक्रिया भी दी है। उन्होंने कहा कि यह हमला सत्ता में बैठे लोगों के इशारे पर किया गया है। कन्हैया ने आरोप लगाया कि मेरे काफिले पर हमला करने वालों ने वहां के लोकल लोगों की भी पिटाई की है।

वैसे बता दें कि कन्हैया कुमार बेगूसराय से 2019 लोकसभा चुनाव में महागठबंधन की ओर से प्रत्याशी हो सकते हैं। हालांकि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) की राज्य इकाई इसका ऐलान पहले ही कर चुकी है। इसी कारण से कन्हैया इन दिनों पूरे क्षेत्र में घूम—घूमकर सभाएं कर रहे हैं।

इसी क्रम में रविवार (14 अक्टूबर) को जेएनयू के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार अपने कई समर्थकों के साथ अपने एक साथी से मिलने के लिए पटना स्थित एम्स अस्पताल आए थे। इसी दौरान कन्हैया के साथ ही उनके कई समर्थकों ने भी अस्पताल में उनके साथ ही वार्ड में घुसने की कोशिश की। वार्ड में उस वक्त डॉक्टर राउंड पर थे और मिलने का वक्त भी पूरा हो चुका था। आरोप है कि कन्हैया कुमार के साथियों ने गार्ड को धमकाने के साथ ही बदसलूकी भी की। आरोप यह भी है कि कन्हैया और उनके साथियों ने महिला नर्सों और डॉक्टरों के साथ भी धक्का—मुक्की की।

अस्पताल परिसर में हुई इस घटना की सूचना मिलने पर डॉक्टर भड़क गए थे। सोमवार (15 अक्टूबर) की सुबह उन्होंने कार्य बहिष्कार का ऐलान कर दिया। लेकिन इसके बाद भी इमरजेंसी वार्ड में काम चलता रहा। जबकि भर्ती मरीजों की तीमारदारी भी जारी रही। डॉक्टरों ने इसके बाद एम्स प्रशासन से भी मुलाकात की और अपनी सुरक्षा की मांग की।

डॉक्टरों ने स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय और स्वास्थ्य सचिव को पत्र लिखकर सुरक्षा की मांग की। डॉक्टरों की हड़ताल के कारण स्वास्थ्य सेवाओं पर असर पड़ता देखकर विभाग के मंत्री मंगल पांडेय ने कन्हैया कुमार पर एक्शन का भरोसा दिया था। इसके बाद एम्स प्रशासन की शिकायत पर पटना के फुलवारी शरीफ थाने में कन्हैया कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो गई थी।