भारतीय जनता पार्टी की युवा इकाई भारतीय जनता युवा मोर्चा ने अपना राष्ट्रीय महाधिवेशन इस बार तेलंगाना में करने का फैसला किया है। इस महाधिवेशन को अटल महाधिवेशन का नाम दिया गया है। ये महाधिवेशन तीन दिन का होगा और 26-28 अक्टूबर के मध्य आयोजित किया जाएगा। इस अधिवेशन के लिए भाजपा ने सिकंदराबाद में सेना के दो मैदानों का आवंटन करवाया है। लेकिन इस आवंटन का पूर्व सैनिकों ने विरोध शुरू कर दिया है। सैनिकों का विरोध इस बात पर है कि राजनीतिक गतिविधि के लिए सेना के मैदान का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।
ट्विटर पर इस कार्यक्रम के लिए दी गई अनुमति के पत्र को ट्वीट करते हुए कारगिल युद्ध के हीरो रिटायर्ड मेजर डीपी सिंह ने ट्वीट किया है। मेजर डीपी सिंह ने लिखा,” यहां भारतीय सेना का एक और पतन शुरू हो रहा है। मैडम (रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण) कृपया इसे जांचिए। एक तरफ सुरक्षाबलों को आम नागरिकों के द्वारा किए गए भ्रष्टाचार और गंदगी को साफ करवाया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ सुरक्षित रखी हुई चीजों को उनके इस्तेमाल के लिए खोला जा रहा है। वाकई जय हिंद।”
Here starts another degradation of #IndianArmy
Madam @nsitharaman May pls put a check.
1 side forces r being used2clean up spoiled things due2 misuse/corruption by civilians
On the other hand things kept intact are being opened 4 their use.
Jai hind really@DefenceMinIndia pic.twitter.com/d9FtKk3owB
— Major D P Singh (@MajDPSingh) October 13, 2018
The use of Defence infrastructure for political activities, like the one allegedly being held in Secunderabad (if true), is absolutely incorrect and unheard of; it would be a disastrous precedent.
Unfathomable as to how, and why, has this been allowed.— Lt Gen Tej Sapru (R) (@tksapru) October 14, 2018
मेजर सिंह के ट्वीट पर ही प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल तेज सप्रू ने ट्वीट किया। जनरल सप्रू ने लिखा,” रक्षा विभाग की संपत्तियों को राजनीतिक गतिविधियों के लिए इस्तेमाल जैसा कथित तौर पर सिकंदराबाद में हो रहा है, अगर ये सच है तो ये बेहद गलत है और पहले कभी सुना नहीं गया है। ये एक बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटनाक्रम है। इसे कैसे, क्यों और किसने अनुमति दी है?
वहीं सेना के पूर्व सैनिकों की टिप्पणी पर प्रतिक्रियाएं तेज होने लगी हैं। कांग्रेस नेता और लोक सभा सांसद शशि थरूर ने ट्वीट करते हुए कहा,” शर्मनाक। भारतीय सेना कब से भारतीय जनता पार्टी की अनुदानित और अपनी संपत्ति बन गई है?” वहीं कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट करते हुए कहा,” ये एक बेमिसाल कदम है। मोदी सरकार के रक्षा मंत्रालय ने भाजपा की युवा इकाई को सिकंदराबाद में रक्षा विभाग के मैदान पर राजनीतिक रैली के आयोजन की इजाजत दे दी है। क्यों? बीजेपी सशस्त्र बलों का इस्तेमाल अपने राजनीतिक फायदे के लिए आदतन करती है। इसका निश्चित रूप से विरोध किया जाना चाहिए।”
In an unprecedented move, Modi Govt’s Defence Ministry has granted permission to BJP’s youth wing (BJYM) for holding a political rally on Defence grounds in Secunderabad. Why?
BJP is a habitual offender in using Armed Forces for cheap political gains.
This must be resisted. pic.twitter.com/xJxjJXpijZ
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) October 14, 2018
Disgraceful. Since when has the #IndianArmy become a wholly-owned subsidiary of the BJP? https://t.co/qDV9tItyNQ
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) October 14, 2018
वैसे बता दें कि भाजयुमो के महाधिवेशन को अटल महाधिवेशन का नाम दिया गया है। ये तीन दिवसीय महाधिवेशन सिकंदराबाद के सेना के अधिकार मेें आने वाले बाइसन पोलो मैदान और परेड मैदान पर होगा। सेना ने इस कार्यक्रम के लिए बाइसन पोलो ग्राउंड को 13 अक्टूबर से लेकर 28 अक्टूबर 2018 तक और परेड मैदान को 23 से 28 अक्टूबर 2018 तक के लिए प्रयोग की अनुमति दी है। भाजपा को उम्मीद है कि इस कार्यक्रम में करीब 50 हजार मंडल स्तर के कार्यकर्ता पूरे देश से शिरकत करने के लिए आएंगे।
भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की तेलंगाना पर नजर है। भाजपा को भरोसा है कि इस दफे तेलंगाना में पार्टी का प्रदर्शन इतना चमकदार होगा कि उसको साथ लिए बगैर प्रदेश में कोई सरकार नहीं बन पाएगी। इसीलिए पार्टी के नेताओं ने तय किया है कि भाजपा का अगला महाधिवेशन तेलंगाना के सिकंदराबाद में आयोजित किया जाए, जिससे कि भगवा कैडर में एक नई जान फूंकी जा सके।
पहले से तय कार्यक्रम के मुताबिक 12 अक्टूबर को परेड मैदान पर भूमि पूजन किया जाना था। लेकिन रक्षा मंत्रालय से समय पर अनुमति न मिलने के कारण एक दिन की देर हो गई। कार्यक्रम के लिए अनुमति लेने का जिम्मा पार्टी ने मुरलीधर राव और युवा मोर्चा की पूनम महाजन को दिया था। इन दोनों ही नेताओं ने काफी मशक्कत के बाद कार्यक्रम के लिए अनुमति ली है।