केन्द्र सरकार द्वारा आर्थिक रुप से पिछले सवर्णों को 10% कोटा देने का फैसला करने के बाद अब इस ईडब्लूएस कोटा के लागू करने पर विचार विमर्श चल रहा है। सरकार द्वारा जब सवर्णों को कोटा देने के लिए 8 लाख रुपए सालाना की इन्कम की शर्त का खुलासा किया तो इसे कई लोगों ने ज्यादा माना था और आय-सीमा को ज्यादा रखने के लिए सरकार की आलोचना भी की थी। हालांकि अब इसे लेकर जारी भ्रम की स्थिति दूर हो रही है। सरकार का कहना है कि सवर्णों और ओबीसी के क्रीमी लेयर के लिए आरक्षण पाने की शर्तें एक समान रखी गई हैं। हालांकि यह इतना भी आसान नहीं है, जितना कि दिखाई दे रहा है।
दरअसल डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल ट्रेनिंग ने एक कार्यालय ज्ञापन जारी कर कहा है कि जिन परिवारों की कुल आय 8 लाख रुपए सालाना से कम है, उन्हें ही ईडब्लूएस कोटे के तहत लाभ दिया जाएगा। साफ किया गया है कि 8 लाख सालाना की इस आय में इन्कम के सभी स्त्रोत शामिल होंगे। उल्लेखनीय है कि मंडल कमीशन द्वारा ओबीसी वर्ग में क्रीमी लेयर के लिए जो मानदंड तय किए गए हैं, उनके तहत लाभ पाने वाले व्यक्ति की कुल सालाना आय 8 लाख या उससे ज्यादा हो सकती है। इस शर्त में व्यक्ति की तन्ख्वाह या कृषि की जमीन से होने वाली आय शामिल नहीं है।
बता दें कि ईडब्लूएस कोटे के तहत जिन परिवारों के पास 5 एकड़ जमीन है या 1000 स्कवायर फीट का आवासी फ्लैट है या नगर पालिका क्षेत्र में 100 वर्गमीटर का आवासीय प्लॉट है या फिर गैर नगरपालिका इलाके में 200 वर्गमीटर का आवासीय प्लॉट है तो वो भी कोटे से अपने आप बाहर हो जाएंगे। बता दें कि मोदी सरकार ने गरीब सवर्णों को तय कोटे से अलग 10% ईडब्लूएस कोटा देने का कानून बनाया है। जिसके बाद आर्थिक रुप से पिछड़े सवर्णों को भी शिक्षा और नौकरी के क्षेत्र में आरक्षण का लाभ मिल सकेगा।