कम से कम 60 लाख लोगों को पीएफ पर मिलने वाले ब्याज का इंतजार करना होगा। दरअसल EPFO के 10-12 प्रतिशत सब्सक्राइबर को साल 2019-20 के पीएफ पर मिलने वाले ब्याज में देरी होने वाली है। ऐसा माना जा रहा है कि सही डेटा न मिलने के चलते ये देरी हो रही है। सही डेटा न होने के चलते कई कर्मचारियों को पीएफ पर अब तक ब्याज नहीं मिला है। इसका असर 2020-21 के लिए मिलने वाले ब्याज पर भी पड़ेगा।
EPFO ने साल 2019-20 के लिए 8.5 प्रतिशत ब्याज इस साल की शुरुआत से देना शुरू किया था। अब तक 5 करोड़ खातों में ब्याज की राशि पहुंचा दी गई है। EPFO के पास कुल 6 करोड़ सब्सक्राइबर हैं। आम तौर पर ब्याज के भुगतान की प्रक्रिया एक सप्ताह में पूरी हो जाती है।
सरकारी सूत्रों की मानें तो ब्याज मिलने में अभी एक महीना और लग सकता है। इस वित्त वर्ष के खत्म होने तक भुगतान कर दिया जाएगा। बता दें कि EPFO संस्थागत रूप से ब्याज का भुगतान करता है न कि एकल व्यक्ति के आधार पर। अगर संस्था के एक भी कर्मचारी की जानकारी सही नहीं पाई जाती है तो पूरी संस्था के कर्मचारियों को ब्याज के भुगतान में देरी होती है। इस साल कई संस्थाओं को इसी चलते भुगतान में समय लग रहा है।
EPFO समस्या के समाधान के लिए सॉफ्टवेयर में सुधार कर रहा है। अधिकारियों ने कहा कि हम सॉफ्टवेयर को अपडेट कर रहे हैं जिससे कि भविष्य में कोई समस्या न आए। समस्या के समाधान में थोड़ा समय लगेगा लेकिन अगले साल से ऐसा नहीं होगा। जब 2020-21 के लिए ब्याज का भुगतान किया जाएगा।
पिछले साल EPFO ने कहा था कि ब्याज को दो किस्तों में भुगतान किया जाएगा। एक किस्त में 8.15 प्रतिशत ब्याज तो दूसरी में 0.35 प्रतिशत ब्याज दिया जाएगा। बाद में सारा ब्याज एक साथ देने की बात की गई थी। जल्द ही संगठन साल 2020-21 के लिए ब्याज की घोषणा भी करेगा। बता दें कि 8.5 प्रतिशत ब्याज बीते सालों में अब तक का सबसे कम ब्याज रहा है।