देश के महान इंजीनियर और सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से विभूषित एम. विश्वेश्वरैया को उनकी जयंती पर आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित अन्य मंत्रियों ने श्रद्धांजलि दी तथा इंजीनियर्स दिवस के अवसर पर सभी अभियंताओं को शुभकामनाएं दीं। महान इंजीनियर को याद करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्विटर पर लिखा है, ‘‘मैं इंजीनियर्स डे पर सभी इंजीनियरों को सलाम करता हूं और हमारे राष्ट्र के विकास में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका की प्रशंसा करता हूं।’’ उन्होंने लिखा है, ‘‘भारत रत्न एम. विश्वेश्वरैया को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि। स्वयं एक महान अभियंता सभी के लिए प्रेरणा स्रोत रहे हैं।’’
I salute all engineers on #EngineersDay & appreciate their paramount role in the development of our nation.
— Narendra Modi (@narendramodi) September 15, 2017
केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने अभियंता दिवस के अवसर पर ट्वीट किया है, ‘‘राष्ट्र के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले सभी इंजीनियरों को इंजीनियर्स दिवस पर शुभेक्षा।’’ उन्होंने लिखा है, ‘‘भारत रत्न और महान इंजीनियर एम. विश्वेश्वरैया को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि।’’ रेल एवं कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने इंजीनियर्स दिवस पर ट्वीट किया है, ‘‘राष्ट्र निर्माण में इंजीनियरों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। इंजीनियर्स दिवस पर एम. विश्वेश्वरैया को याद करें जो युवा इंजीनियरों को प्रेरित करते हैं।’’ भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने लिखा है, ‘‘बेहद श्रद्धेय इंजीनियर, भारत रत्न एम. विश्वश्वरैया को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि और इंजीनियर्स दिवस पर सभी इंजीनियरों को शुभकामनाएं।’’ रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसे री-ट्वीट किया है।
Engineers have an integral role to play in nation building. On Engineer’s Day, let’s remember M. Visvesvaraya who inspires young engineers. pic.twitter.com/juMj5QR9QJ
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) September 15, 2017
केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण तथा कपड़ा मंत्री स्मृति इरानी ने ट्वीट किया है, ‘‘एम. विश्वेश्वरैया जी को उनकी जयंती पर याद करते हुए इंजीनियर्स दिवस पर सभी इंजीनियरों को शुभकामनाएं।’’ भारत के महान अभियन्ता एवं देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से विभूषित सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरय्या के जन्मदिवस पर देश हर साल इंजीनियर्स दिवस (अभियंता दिवस) मनाता है।
वर्ष 1860 में जन्मे इस महान अभियंता ने बेहद कम संसाधनों के बावजूद दक्षिण भारत में बांध निर्माण से लेकर सिंचाई तथा जलापूर्ति के क्षेत्र में बड़े-बड़े काम किए। विश्वेश्वरैया ने मैसूर के कृष्ण राजसागर बांध का निर्माण कराया, जिससे मैसूर और मंड्या जिलों का काया पलट हो गया। वाड्यार वंश के शासनकाल में कावेरी नदी पर इस बांध के निर्माण के दौरान देश में सीमेंट नहीं बनता था। इसके लिए इंजीनियरों ने मोर्टार तैयार किया जो सीमेंट से ज्यादा मजबूत था। इस बांध का निर्माण सर एमवी के नाम से प्रसिद्ध विश्वेश्वरैया के जीवन की बड़ी उपलब्धियों में से एक है। विश्वेश्वरैया को 1912 में मैसूर के महाराजा ने अपना दीवान यानी मुख्यमंत्री नियुक्त किया। उनका निधन 1962 में हुआ।