प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी मामले में 417 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त और ‘फ्रीज’ कर ली है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने आरोप लगाया कि दुबई से संचालित यह कंपनी नए लोगों को जोड़ने, उनके पहचान पत्र बनाने तथा कई बेनामी बैंक खातों के जरिए धन शोधन करने के लिए ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप्लिकेशन (Mahadev gambling app) का उपयोग करती थी।
ED ने कोलकाता, भोपाल, मुंबई आदि शहरों में की छापेमारी
कंपनी के प्रवर्तक सौरभ चंद्राकर (Sourabh Chandrakar) और रवि उप्पल (Ravi Uppal) हैं। एजेंसी ने एक बयान में आरोप लगाया, ‘‘ईडी ने हाल में कोलकाता, भोपाल, मुंबई आदि शहरों में महादेव एपीपी से जुड़े धन शोधन नेटवर्क के खिलाफ व्यापक स्तर पर छापेमारी की थी। उसने इस दौरान कई सबूत एकत्र किए और अपराध से अर्जित 417 करोड़ रुपये की राशि जब्त/फ्रीज की गई है।’’
आरोपी सट्टेबाजी की रकम हवाला के जरिए विदेश भेजते हैं
अधिकारियों ने कहा कि ईडी की जांच से पता चला है कि ‘महादेव ऑनलाइन बुक ऐप’ संयुक्त अरब अमीरात स्थित केंद्रीय मुख्यालय से संचालित होती है। ईडी ने कहा कि यह अपने ज्ञात सहयोगियों को 70-30 प्रतिशत लाभ अनुपात पर ‘‘पैनल/शाखाओं’’ की फ्रेंचाइजी देकर काम करती है। एजेंसी ने कहा कि सट्टेबाजी की आय को विदेशी खातों में भेजने के लिए बड़े पैमाने पर हवाला संचालन किए जाते हैं।
ईडी ने कहा कि नए उपयोगकर्ताओं और फ्रेंचाइजी (पैनल) चाहने वालों को आकर्षित करने के लिए सट्टेबाजी वेबसाइट के विज्ञापन को लेकर भारत में नकद में भी बड़ा खर्च किया जा रहा है। कंपनी के प्रवर्तक छत्तीसगढ़ के भिलाई के रहने वाले हैं और ‘महादेव ऑनलाइन बुक बेटिंग ऐप्लिकेशन’ अवैध सट्टेबाजी वेबसाइट के लिए ऑनलाइन मंच की व्यवस्था करने वाला एक प्रमुख माध्यम है।
महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप के संबंध में 5,000 करोड़ रुपये से अधिक की अनुमानित मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि इसके दो सरगनाओं में से एक, सौरभ चंद्राकर ने अपनी भव्य शादी पर 200 करोड़ रुपये खर्च किए। उनके परिवार के सदस्य नागपुर से निजी जेट से यूएई पहुंचे। केंद्रीय एजेंसी के अनुसार उन्होंने अपराध की आय से खरीदी गई कुल मिलाकर 417 करोड़ रुपये की नकदी और संपत्ति जब्त की है।