कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बहनोई रॉबर्ट वाड्रा मनिलाउंड्रिंग के एक मामले में दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में पेश हुए। जिस मामले में उनकी पेशी हुई, उसमें वे जमानत पर बाहर चल रहे थे। शनिवार (16 फरवरी) को उनकी जमानत की अवधि समाप्त हो रही थी। सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अदालत को बताया कि रॉबर्ट वाड्रा जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। ईडी के वकील ने कहा, “वाड्रा जहां जाते हैं, साथ में पूरी ‘बारात’ पहुंच जाती है चाहे वह ईडी हो या कोर्ट।” वहीं, वाड्रा ने इससे इनकार किया। सुनवाई के बाद कोर्ट ने रॉबर्ट वाड्रा को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत देते हुए उनकी जमानत अवधि दो मार्च तक बढ़ा दी है। वाड्रा के खिलाफ यह मामला (ईडी) ने दर्ज किया था।
सुनवाई के दौरान ईडी ने अपने वकील नितेश राणा के जरिए अदालत को बताया कि मामले में वाड्रा से पूछताछ करने की जरूरत है और उनकी ओर से सहयोग नहीं किए जाने को आधार बनाकर अग्रिम जमानत याचिका का विरोध किया। वाड्रा ने इन आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि जब भी बुलाया गया या जब भी जरूरत पड़ी वह पूछताछ के लिए आने के लिए तैयार थे। इससे पहले अदालत ने दो फरवरी को उनकी अग्रिम जमानत की अवधि 16 फरवरी तक बढ़ा दी थी और उनसे ईडी के समक्ष पेश होने एवं मामले में सहयोग करने को कहा था। यह मामला लंदन के 12, ब्रायनस्टोन स्कॉयर में 19 लाख पाउंड कीमत की एक संपत्ति की खरीद में हुए धनशोधन के आरोपों से जुड़ा हुआ है जिसपर मालिकाना हक कथित तौर पर वाड्रा का है।
इससे पहले रॉबर्ट वाड्रा ने उनसे जुड़ी एक कंपनी की संपत्तियों को कुर्क करने की प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई को शनिवार को ‘‘उन्हें जानबूझकर निशाना बनाने’’ वाला बताया और दावा किया कि यह ‘‘सत्ता के पूरी तरह से दुरुपयोग’’ को दिखाता है। दरअसल, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कहा कि उसने बीकानेर जमीन घोटाला धन शोधन मामले के संबंध में उनसे जुड़ी एक कंपनी की 4.62 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क कर ली है। इसके एक दिन बाद वाड्रा ने ‘‘लगातार उत्पीड़न’’ किए जाने का आरोप लगाया।
वाड्रा ने फेसबुक पर लिखे एक पोस्ट में कहा, ‘‘मेरे पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है और निश्चित तौर पर मैं कानून से ऊपर नहीं हूं। मैं करीब छह दिन तक उनके सवालों का जवाब देता रहा। हर दिन आठ से 12 घंटे तक पूछताछ हुई। बस 40 मिनट का लंच ब्रेक दिया जाता था और वॉशरूम तक भी मुझे अकेला नहीं छोड़ा जाता था।’’ वाड्रा ने कहा कि उन्होंने पूरी तरह से सहयोग किया और देश के किसी भी हिस्से में जब भी बुलाया गया तो नियमों का पालन किया।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘मेरे कार्यालय और ऐसे स्थान जिनके मामले अदालत में लंबित हैं उन्हें कुर्क किया जाना सत्ता का पूरी तरह दुरुपयोग, प्रतिशोध और अनैतिक रूप से जानबूझकर किसी को निशाना बनाना दिखाता है।’’ वाड्रा ने कहा, ‘‘जब सच्चाई की जीत होगी तो मुझे लगता है कि माफी ही काफी होगी। अपने लिए न्याय के वास्ते दृढ़ रहूंगा।’’
दरअसल, ईडी ने धनशोधन निरोधक कानून (पीएमएलए) के तहत संपत्ति कुर्क करने का अनंतिम आदेश जारी किया है। उसने इस सप्ताह दो बार जयपुर में वाड्रा से पूछताछ की। उनकी मां मौरीन को भी पूछताछ के लिए बुलाया गया लेकिन संक्षिप्त कानूनी प्रक्रिया के बाद उन्हें जाने दिया गया। ईडी ने वाड्रा से विदेश में संपत्ति खरीदने में धन शोधन के आरोप की जांच के संबंध में पिछले सप्ताह भी लगातार तीन दिन तक पूछताछ की थी। (भाषा इनपुट के साथ)