केंद्र सरकार ने बिजली उपभोक्ताओं के लिए नए कनेक्शन लेने और छतों पर लगने वाली सौर इकाइयों के लिए नियमों को सरल किया है। नए नियमों के तहत अब बिजली कनेक्शन महानगरीय क्षेत्रों में तीन दिन, नगरपालिका क्षेत्रों में सात दिन और ग्रामीण क्षेत्रों में 15 दिन में मिलेंगे। बिजली मंत्रालय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। नई व्यवस्था को लागू करने के लिए मंत्रालय ने बिजली (उपभोक्ता अधिकार) नियम, 2020 में संशोधन को मंजूरी दे दी है।
संशोधनों के बाद छत पर सौर बिजली इकाई लगाने की प्रक्रिया भी सरल हो गई है। इसके अतिरिक्त नई व्यवसथा से बहुमंजिला फ्लैटों में रहने वाले उपभोक्ताओं को भी कनेक्शन का प्रकार चुनने का अधिकार दिया गया है और आवासीय सोसाइटी में सामान्य क्षेत्रों और बैक-अप जनरेटर के लिए अलग-अलग बिलिंग सुनिश्चित की गई है, केंद्र सरकार का मानना है कि इससे इस क्षेत्र में पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सकेगी।
संशोधित नियम में उपभोक्ताओं की शिकायतों के मामले में बिजली की खपत के सत्यापन के लिए वितरण कंपनियों द्वारा लगाए गए मीटरों की जांच का भी प्रावधान किया गया है। केंद्रीय बिजली मंत्री आर के सिंह ने कहा कि सरकार के लिए उपभोक्ताओं का हित सर्वोपरि है। ये संशोधन इसी को ध्यान में रखते हुए किए गए हैं।
अभी पहाड़ी क्षेत्रों के ग्रामीण इलाकों में नए कनेक्शन लेने या मौजूदा कनेक्शन में संशोधन के लिए समय अवधि पहले की तरह 30 दिन ही रहेगी और इस संशोधन ने छत पर सौर प्रणाली स्थापित करने को भी अधिक सरल और तीव्र बना दिया है। मंत्रालय ने कहा कि 10 किलोवाट की तक की सौर प्रणालियों के लिए तकनीकी व्यवहार्यता अध्ययन की जरूरत नहीं होगी।
इससे अधिक क्षमता की सौर प्रणालियों के लिए व्यवहार्यता अध्ययन की समयसीमा 20 दिन से घटाकर 15 दिन कर दी गई है। यदि निर्धारित समय के भीतर अध्ययन पूरा नहीं होता है तो उसे अनुमोदित माना जाएगा। नए नियमों के तहत उपभोक्ता अब अपने इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को चार्ज करने के लिए अलग से बिजली कनेक्शन ले सकते हैं। यह देश के कार्बन उत्सर्जन को कम करने और शून्य कार्बन उत्सर्जन तक पहुंचने के लक्ष्य के अनुरूप है।