स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने चुनाव आयोग को चुनावी बॉन्ड से जुड़ा डेटा हलफनामे में दे दिया है। SBI द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, 1 अप्रैल 2019 से 11 अप्रैल 2019 तक 3346 बॉन्ड खरीदे गए। इनमें से 1609 बॉन्ड रिडीम करवाए गए। इसके अलावा 12 अप्रैल 2019 से 15 फरवरी 2024 तक 18,871 बॉन्ड खरीदे गए। इनमें से 20,421 बॉन्ड रिडीम करवाए गए।

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, उनसे कुल 22,217 बॉन्ड खरीदे गए और इन बॉन्ड्स में से 22,030 बॉन्ड रिडीम करवाए गए।

न्यूज एजेंसी ANI द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, SBI चेयरमैन ने सुप्रीम कोर्ट में एक एफिडेविट दायर कर बताया कि उसके आदेश को मानते हुए बैंक ने चुनाव आयोग को हर बॉन्ड को खरीदे जाने की तारीख, खरीदार का नाम और खरीदे गए चुनावी बांड का मूल्य की जानकारी दी है।

एफिडेविट में कहा गया है कि बैंक की तरफ से चुनाव आयोग को इलेक्टोरल बॉन्ड कैश करवाने की तारीख, जिस सियासी दल ने बॉन्ड के जरिए धन प्राप्त किया है उसका नाम और चुनावी बॉन्ड के मूल्य की जानकारी भी दी गई है। SBI का कहना है कि डेटा 12 अप्रैल, 2019 से 15 फरवरी, 2024 के बीच खरीदे और रिडीम करवाए गए बॉन्ड्स के संबंध में दिया गया है।

SBI द्वारा दिए गए एफिडेविट में कहा गया है, “भारतीय स्टेट बैंक के पास रिकॉर्ड तैयार हैं जिसमें खरीद की तारीख, मूल्य और खरीददार का नाम दर्ज किया गया था और नकदीकरण की तारीख और रिडीम किए गए बॉण्ड के मूल्य दर्ज किए गए थे।”

बैंक की तरफ से चुनाव आयोग को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि  इस अवधि के दौरान 15 दिनों की वैधता अवधि के भीतर राजनीतिक दलों द्वारा जिन चुनावी बॉण्ड को रिडीम नहीं गया था, उन्हें दो जनवरी 2018 के राजपत्र अधिसूचना संख्या 20 के अनुसार प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में ट्रांसफर कर दिया गया है।