प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने असम में भाजपा की जीत को ऐतिहासिक और अभूतपूर्व बताया है। शाह ने बाकी राज्यों में मिले पार्टी के वोट में इजाफा होने पर भी खुशी जताई है। पांच राज्यों के चुनावी नतीजों के बाद असम में मिले बहुमत पर प्रतिक्रिया जताते हुए मोदी ने कहा कि पार्टी राज्य के लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास करेगी। साथ ही राज्य को विकास की नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी।

प्रधानमंत्री ने पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में भाजपा कार्यकर्ताओं के प्रयासों की भी सराहना की। इन दोनों राज्यों में भी पार्टी ने संकल्पबद्ध प्रदर्शन किया। मोदी ने कहा कि पूरे देश में लोगों ने भाजपा पर भरोसा जताया और इसे एक ऐसी पार्टी के रूप में देखा जो समग्र और समावेशी विकास कर सकती है। प्रधानमंत्री ने ट्वीट में कहा ‘असम में अभूतपूर्व जीत के लिए भाजपा कार्यकर्ताओं को हृदय से बधाई। यह जीत सभी मानकों पर ऐतिहासिक है।’ प्रधानमंत्री ने सर्बानंद सोनोवाल से बात कर पार्टी के शानदार प्रदर्शन और प्रचार अभियान में प्रयासों के लिए बधाई दी। मोदी ने अन्य ट्वीट में कहा ‘मैं असम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, पुदुचेरी और केरल के लोगों को समर्थन के लिए धन्यवाद देता हूं और यह आश्वस्त करता हूं कि हम हमेशा कठिन परिश्रम करेंगे और उनकी सेवा करेंगे।’ मोदी ने कहा कि केरल में पार्टी की मेहनत रंग लाई है और हम लोगों की और मजबूत आवाज बनेंगे। उन्होंने कहा ‘मैं उन सभी लोगों को नमन करता हंू जिन्होंने दशक दर दशक र्इंट से र्इंट जोड़ कर भाजपा को खड़ा किया। उनके ही प्रयासों का परिणाम आज हम देख रहे हैं।’

उधर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने भी असम चुनाव में पार्टी की पहली जीत और अन्य राज्यों में पार्टी का मत अंश बढ़ने को नरेंद्र मोदी सरकार की नीतियों का लोकप्रिय अनुमोदन बताया। उन्होंने बताया कि पश्चिम बंगाल में पार्टी का मत अंश 2011 के विधानसभा चुनाव के 4.6 फीसद से बढ़कर 10.7 फीसद हो गया है। केरल में उसने अपने सहयोगी दल बीजेडीएस के साथ 15 फीसद से अधिक वोट हासिल किए हैं, जो 2011 में मात्र 6 फीसद थे। उन्होंने कहा कि लोगों ने कांग्रेस की नकारात्मक और बाधावादी राजनीति को खारिज कर दिया है। कुछ राज्यों में उपचुनाव के अलावा विभिन्न राज्यों में पार्टी के बहुत अच्छे प्रदर्शन ने 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए मजबूत बुनियाद रखी।

उन्होंने कहा कि यह चुनाव एक तरह से मोदी सरकार के दो साल के कामकाज का सार्वजनिक अनुमोदन है। यह सकारात्मक राजनीति की जीत है और हम कामकाज की राजनीति की शुरुआत देख सकते हैं। लोगों ने उन लोगों को सबक भी सिखाया है जो नकारात्मक राजनीति करते हैं और जिन्होंने संसद में अपने अवरोध से विकास को बेपटरी करने का प्रयास किया। उन्होंने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि देश ने कांग्रेस मुक्त भारत की तरफ दो और कदम बढ़ाए हैं। इन तमाम स्थानों पर भाजपा चुनाव में कभी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई थी। इस बार एक मजबूत बुनियाद रखी गई और 2019 तक एक इमारत तामीर होगी। मोदी सरकार के गरीब समर्थक, किसान समर्थक और गांव समर्थक कार्य को जनता की स्वीकृति मिली है।

शाह ने कहा कि असम में जीत बहुत महत्वपूर्ण है। यह सीमावर्ती राज्य है, जहां से जुड़े कांग्रेसी प्रधानमंत्री (मनमोहन सिंह) ने 10 वर्ष तक देश पर शासन किया और अब वहां हम अपनी सरकार बनाने जा रहे हैं। यह बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने याद दिलाया कि पार्टी ने सात राज्यों में अपना संगठन मजबूत करने का संकल्प लिया था। इनमें चार राज्य वही हैं, जहां गुरुवार को विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित किए गए। परिणाम दिखाते हैं कि इस दिशा में अच्छा काम किया गया है। शाह ने कांग्रेस पर वार करते हुए कहा कि चुनाव के नतीजे यह स्पष्ट संकेत दे रहे हैं कि जो भी पार्टी उसके साथ जाएगी, उसे नुकसान उठाना पड़ेगा। कांग्रेस ने सब कुछ गंवा दिया है क्योंकि उसने राजनीतिक बैर (संसद में) सुलटाने का प्रयास किया।

उसने संसद में राजनीति को विकास से ऊपर रखा और असहयोग करती रही। जनता ने उसे सबक सिखाया। उन्होंने ममता बनर्जी और जे जयललिता को उनकी जीत पर बधाई दी। लेकिन केरल में वाम मोर्चे की जीत पर उसे बधाई देने से परहेज किया। इसका कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं की भावनाओं का सम्मान करने के लिए ऐसा किया क्योंकि वामपंथी पार्टियों ने उन्हें निशाना बनाने के लिए हिंसा का सहारा लिया। यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें लगता है कि क्षेत्रीय क्षत्रपों जैसे ममता, जयललिता, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तरफ से चुनौती बढ़ रही है, शाह ने इस बात से इनकार किया और कहा कि उनके लिए महत्वपूर्ण यह है कि भाजपा अच्छा कर रही है और वह लोकसभा का अगला चुनाव मोदी सरकार के कामकाज के आधार पर लड़ेगी।