चुनाव आयोग ने एक मामले में यूटर्न लेते हुए दागी अफसर पर कार्रवाई करने से मना कर दिया है। दरअसल साल 2017 में गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान एक सीट की वोटों की गिनती में कथित तौर पर धांधली होने की बात सामने आयी थी। यह मामला कोर्ट में चल रहा है। जिसके बाद चुनाव आयोग ने आरोपी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही थी। लेकिन अब चुनाव आयोग ने इससे इंकार कर दिया है।

खबर के अनुसार, गुजरात की धोलका विधानसभा सीट से चुनाव लड़े कांग्रेस नेता अश्विन राठौर ने वोटों की गिनती में कथित तौर पर धांधली का आरोप लगाते हुए गुजरात हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। अपनी याचिका में अश्विन राठौर ने धोलका सीट से जीते और मौजूदा समय में गुजरात सरकार के शिक्षा मंत्री भूपेन्द्रसिंह चौदसमा की जीत को चुनौती दी है। कांग्रेस नेता का आरोप है कि वोटों की गिनती के समय रिटर्निंग अफसर धवल जानी ने गैरकानूनी रुप से 429 पोस्टल बैलेट को अवैध घोषित कर दिया था।

अश्विन राठौर के अनुसार, इस फैसले के चलते उन्हें करीबी मुकाबले में सिर्फ 327 वोटों से हार का सामना करना पड़ा। सुनवाई के दौरान बीते अप्रैल में हाईकोर्ट ने पाया कि इस मामले में रिटर्निंग अफसर ने नियमों का गंभीर उल्लंघन किया है। जिसके चलते कोर्ट ने जनरल ऑब्जर्वर अधिकारी विनिता बोहरा को जिम्मेदार माना था। इसके बाद चुनाव आयोग ने आईएएस अधिकारी विनिता बोहरा के खिलाफ कार्रवाई करने की अनुशंसा की थी।

अब मंगलवार को इस मामले की सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग के वकील साहिल शाह ने कोर्ट में बताया कि आयोग ने राजस्थान चीफ सेक्रेटरी को पत्र लिखकर आईएएस अधिकारी विनिता बोहरा के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने को कहा था। हालांकि उन्होंने कोर्ट में चुनाव आयोग के इस तरह यूटर्न लेने पर कोई सफाई नहीं दी। बता दें कि विनिता बोहरा राजस्थान बैच की अधिकारी हैं।