Electronic Voting Machines NOTA: 2013 में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद चुनाव आयोग ने EVM में NOTA (None of the Above) का विकल्प दिया था। यह विकल्प EVM में सभी उम्मीदवारों के नाम के बाद सबसे अंत में आता है। सुप्रीम कोर्ट को ऐसी उम्मीद थी कि इससे लोगों की राजनीति में भागीदारी बढ़ेगी और राजनीतिक दल अपने उम्मीदवारों के चयन में और ज्यादा सावधानी बरतेंगे लेकिन पिछले कुछ सालों में अलग-अलग राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव, लोकसभा चुनाव के आंकड़े बताते हैं कि NOTA अपने मकसद में कामयाब नहीं रहा है।

पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग ने भी कुछ ऐसा ही बयान दिया था। आयोग की ओर से पेश हुए सीनियर एडवोकेट राकेश द्विवेदी ने अदालत को बताया था कि NOTA से चुनाव पर कोई असर नहीं पड़ रहा है, कुछ मामलों में कुछ उम्मीदवारों को NOTA से कम वोट मिले हों लेकिन जीतने वाले उम्मीदवारों पर इसका कोई असर नहीं होता। चुनाव आयोग ने कहा था कि यह एक फेल विचार है।

आलोचकों के मुताबिक, NOTA से कोई बहुत बड़ा बदलाव होता नहीं दिखाई दिया है। अगर किसी सीट पर NOTA को सबसे ज्यादा वोट मिलते हैं तो फिर से वोटिंग करने का भी कोई प्रावधान नहीं है।

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लोकसभा चुनाव में कैसा रहा NOTA का प्रदर्शन?

2014 के लोकसभा चुनाव में NOTA को 60.03 लाख वोट मिले थे, जो कुल वोट शेयर का 1.1% था। 2019 में NOTA को मिलने वाले वोटों की संख्या बढ़कर 65.23 लाख हो गई लेकिन इसका वोट शेयर गिरकर 1.07% रह गया। 2024 के लोकसभा चुनाव में NOTA को मिले वोटों की संख्या घटकर 63.72 लाख और यह कुल वोट शेयर का 1% रह गया।

इंदौर में मिले थे 13.99% वोट

NOTA को लेकर जबरदस्त चर्चा तब हुई थी जब 2024 के लोकसभा चुनाव में इंदौर लोकसभा सीट पर इसे 13.99% वोट मिले थे और यह दूसरे नंबर पर रहा था। हालांकि तब इसकी वजह यह थी कि कांग्रेस के उम्मीदवार ने अंतिम वक्त में अपना नाम वापस ले लिया था और कांग्रेस ने मतदाताओं से NOTA को चुनने की अपील की थी।

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इसके अलावा दो और मौकों पर NOTA को पांच प्रतिशत ज्यादा वोट मिले हैं। 2014 में छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर में और 2019 में बिहार में आरक्षित सीट गोपालगंज में दोनों ही जगह पर NOTA को 5.04% वोट मिले थे।

पिछले तीन लोकसभा चुनावों में NOTA को राज्यों में मिले वोट का प्रतिशत

राज्य/केंद्र शासित प्रदेशसालNOTA को मिले वोट
पुडुचेरी20143.01%
मेघालय20142.08%
बिहार20242.07%
दादरा एवं नगर हवेली और दमन एवं दीव20242.06%
बिहार 20192%
छत्तीसगढ़20141.83%
दादरा एवं नगर हवेली20141.79%
गुजरात20141.76%
दमन और दीव20191.7%
बिहार20141.62%

लोकसभा चुनाव में NOTA को मिले औसत वोट

अगर यह पता करें कि पिछले तीन लोकसभा चुनाव में प्रत्येक सीट पर NOTA को औसत कितने वोट मिले तो इसका जवाब यह है कि 2014 में औसत वोट का आंकड़ा 11055, 2019 में 12,017 और 2024 में 11,756 रहा।

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NOTA लागू होने के बाद से अब तक हुए 76 विधानसभा चुनावों में से 37 चुनावों में NOTA को कुल वोट शेयर का 1% से अधिक प्राप्त हुआ है। सबसे अधिक वोट शेयर 2013 में छत्तीसगढ़ में 3.07% और 2015 में बिहार में यह 2.48% था।

विधानसभा चुनावों में NOTA को मिले वोट (प्रतिशत में)

सालNOTA को मिले वोट
20131.96%
20140.91%
20152.09%
20161.25%
20171.06%
20181.25%
20191.2%
20201.46%
20210.9%
20220.88%
20230.9%
20240.9%
20250.57%

विधानसभा सीटों के मामले में NOTA ने सिर्फ तीन बार 10% से ज्यादा वोट हासिल किए हैं। 2013 में छत्तीसगढ़ के बीजापुर में NOTA को 10.15% वोट, 2019 में महाराष्ट्र की लातूर ग्रामीण सीट पर NOTA को 13.78% और 2014 में गढ़चिरौली में 10.8% वोट शेयर हासिल हुआ।