Lok Sabha Election/Chunav Results 2019: लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने भले ही राम मंदिर के मुद्दे को प्रमुखता से नहीं उठाया हो लेकिन दूसरी बार बहुमत के साथ सत्ता में वापसी पर राम मंदिर बनाने की मांग शुरू हो गई है। इस क्रम में पहली मांग भाजपा के भीतर से ही उठी है।

भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने नमो सरकार को राम मंदिर निर्माण का प्लान बताया है। सुब्रमण्यम स्वामी ने राम मंदिर के निर्माण के संबंध में ट्वीट किया। स्वामी ने लिखा, ‘नमो सरकार की तरफ से राम मंदिर के लिए कदम 1. सुप्रीम कोर्ट से याचिका वापस लेकर रामजन्मभूमि न्यास को जमीन वापस करने की अनुमति मांगे। 2. रामजन्मभूमि न्यास को मंदिर निर्माण के लिए 67.07 एकड़ जमीन सौंपे। 3. सुप्रीम कोर्ट से कहे कि जब टाइटल पर निर्णय होता तो सिर्फ मुआवजा दिया जाएगा।’

यह पहली बार नहीं है कि जब भाजपा नेता ने राम मंदिर को लेकर अपनी राय दी हो। स्वामी ने पिछले साल दिसंबर में बीएचयू में एक व्याख्यान में कहा था कि राम मंदिर के निर्माण को राष्ट्र की अस्मिता की पहचान बताया था। इसे राष्ट्रीय पुनरुत्थान का विषय बताते हुए स्वामी ने कहा था कि कोर्ट आस्था के विषय में कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकती।

स्वामी का कहना था कि अयोध्या में खुदाई के दौरान मंदिर होने के वैज्ञानिक सबूत मिल चुके हैं। उस जगह पर मंदिर था, इस बात को कोर्ट भी स्वीकार कर चुका है। स्वामी अक्सर ये दावा करते हैं कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को लेकर मुसलमानों को कोई आपत्ति नहीं है।

केंद्र सरकार के हलफनामे की दिलाई थी यादः इससे पहले स्वामी ने दिंसबर 2018 में केंद्र को 1994 में अदालत में दिए हलफनामे की याद दिलाई दी। इस हलफनामे में पीवी नरसिम्हा राव की तत्कालीन सरकार सरकार ने कहा था कि अगर नीचे मंदिर पाया जाता है तो हमें हिंदुओं की इच्छा के अनुसार चलना चाहिए।