महाराष्ट्र में महायुती गठबंधन की जीत के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर चर्चा तेज हो गई है। शिवसेना के विधायक लगातार एकनाथ शिंदे को पद पर बने रहने का दबाव बना रहे हैं। हालांकि भाजपा के नेता देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाने के समर्थन में हैं। देवेंद्र फडणवीस को एनसीपी का भी समर्थन हासिल है। इस बीच देवेंद्र फडणवीस दिल्ली पहुंचे हैं और पार्टी के बड़े नेताओं के साथ मुलाकात भी करेंगे। बीजेपी की विधानसभा में अकेले 132 सीटें आई हैं जबकि शिवसेना 57 और एनसीपी की 41 सीटें आई है।

शिंदे को दिया गया प्रस्ताव

इन सभी घटनाक्रम के बीच महाराष्ट्र में एक फार्मूले पर चर्चा जोरों पर है। कहा जा रहा है कि एकनाथ शिंदे को केंद्रीय मंत्री बनाने का प्रस्ताव दिया गया है तो वहीं उनके बेटे श्रीकांत शिंदे को महाराष्ट्र का उपमुख्यमंत्री बनाने का प्रस्ताव दिया गया है। जबकि देवेंद्र फडणवीस राज्य के मुख्यमंत्री होंगे और अजित पवार भी डिप्टी सीएम बनेंगे।

कहा जा रहा है कि बीजेपी इस फार्मूले के जरिए तीनों दलों को साधने का प्रयास कर रही है। इससे शिंदे के सम्मान को भी ठेस नहीं पहुंचेगी और मामला भी आसानी से हल हो जाएगा। हालांकि शिवसेना के नेता एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाने का दबाव लगातार बना रहे हैं।

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बीजेपी के लिए शिंदे को हटाना इतना आसान भी नहीं है। शिंदे मराठा समुदाय से हैं जबकि देवेंद्र फडणवीस ब्राह्मण हैं। महाराष्ट्र में बीते कई महीनों में मराठा आरक्षण आंदोलन और मराठा नेतृत्व का दावा भी किया गया। आने वाले समय में बीएमसी नगर निगम के चुनाव भी होने वाले हैं। बीजेपी कोई भी रिस्क नहीं लेना चाहती। बीएमसी में अभी तक शिवसेना और उद्धव ठाकरे का दबदबा रहा है। हालांकि इस बार बीजेपी इसपर अपना वर्चस्व कायम करना चाह रही है।

2022 में शिंदे ने शिवसेना से बगावत की थी और 41 विधायकों के साथ बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। उस दौरान शिंदे को बीजेपी ने मुख्यमंत्री पद का ऑफर दिया और उन्होंने स्वीकार कर लिया था। विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने किसी को सीएम चेहरा नहीं घोषित किया लेकिन पूरा चुनाव एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में लड़ा गया। पढ़ें संजय राउत ने महाराष्ट्र नतीजों के लिए पूर्व CJI चंद्रचूड़ को जिम्मेदार ठहराया