Eid Al-adha/Bakrid 2019: भारत समेत विश्व के कई अन्य देशों में ईद-उल-अजहा का त्योहार सोमवार को मनाया जा रहा है। इस मौके पर देश भर के मुस्लिमों ने मस्जिदों में नमाज अदा की। इस त्योहार को कुर्बानी के त्योहार के रूप में मनाया जाता है। ईद के मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने देशवासियों को शुभकामनाएं दीं। इस मौके पर भारतीय नेताओं की भी फोटो सोशल मीडिया पर देखने को मिली। इस दौरान पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने दिल्ली की जामा मस्जिद में बकरीद की नमाज अदा की।
न्यूज एजेंसी एएनआई के ट्विटर हैंडल से भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी और पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी की तस्वीर साझा की गई है। इस दौरान ट्रोलर्स ने हामिद अंसारी और केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी को ट्रोल करने करने की कोशिश की।
एक यूजर ने ट्विट करते हुए लिखा है कि मुख्तार अब्बास नकवी शर्मा करो आप भी मोदी के नक्शेकदम पर चलते हुए हर जगह कैमरे का इस्तेमाल कर रहे हैं।एक अन्य यूजर ने लिखा है हर जगह ब्रांडिंग की जा रही है। यहां तक की अल्लाह के घर में भी।
Shame on Naqvi ..Following Modi footsteps to carry camera
— Md Ghulam Rabbani (রাব্বানী) (@GhulamRabbani_) August 12, 2019
Every where branding. Even at the house of Allah……
— Professor Kazim Zaidi (@Kazimtechnology) August 12, 2019
हामिद अंसारी की पोस्ट पर भी लोगों ने उन्हें ट्रोल करने की कोशिश की है। न्यूज एजेंसी एएनआई की फोटो पर एक अन्य यूजर ने लिखा है, ये सभी लोग बेशर्म हैं। एक अन्य यूजर ने लिखा है अरे इतने आराम से सड़कों पर घूम रहे है। पहले तो इन्हें डर लगता था।
यह वही है ना जिन्हें हिंदुस्तान में डर लगता है
— OnlyTushar® (@onlytusharJ) August 12, 2019
अरे इतने आराम से सड़कों पर घूम रहे है। पहले तो इन्हें डर लगता था।
— Manish सिंह (@Manishpatriot) August 12, 2019
क्या है ईद-उल-अजहा: ईद-उल-अजहा और ईद-उल-जुहा , ईद-उल-फित्र यानी मीठी ईद के 2 महीने बाद आने वाले इस त्यौहार में मुस्लिम समुदाय बड़ी संख्या में बकरे की कुर्बानी देता है। कुछ लोग ईद उल अजहा को बकरीद कहे जाने का अर्थ इस दिन बकरे की दिये जाने वाली कुर्बानी से जोड़कर देखते हैं। लेकिन ऐसा नहीं है।
दरअसल अरबी भाषा में बकर का अर्थ है बड़े जानवर से है जिसका जिबह किया जाता है अर्थात जिसे काटा जाता है। उसी से जोड़कर आज भारत, पाकिस्तान और बांगला देश में इसे बकरा ईद कहते हैं। बकरीद के दिन खाली बकरे की ही कुर्बानी नहीं दी जाती बल्कि मुस्लिम समुदाय के लोगों को अपने प्रिय जानवर की कुर्बानी देनी होती है।
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