मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) बनाने के लिए टीएसआर सुब्रह्मण्यम के नेतृत्‍व वाली समिति की रिपोर्ट को राज्यों के साथ साझा करने के बाद ही सार्वजनिक किया जाएगा ‘‘न कि सिर्फ सुर्खियां’’ बनाने के लिए। उनसे यहां संवाददाता सम्मेलन में पूर्व कैबिनेट सचिव सुब्रह्मण्यम के पत्र के बारे में पूछा गया जिसमें उन्होंने मानव संसाधन विकास मंत्रालय से कहा है कि रिपोर्ट को वह सार्वजनिक करे अन्यथा वह खुद ही इसे सार्वजनिक कर देंगे।
स्‍मृति ने जवाब दिया, ‘शिक्षा नीति किसी व्यक्ति विशेष की पैतृक संपति नहीं है, जो सुर्खियां बनना चाहता है।’ स्मृति ने कहा, ‘‘यह एक लाख दस हजार गांवों, पांच हजार से ज्यादा प्रखंडों, 500 से ज्यादा जिलों और 20 से ज्यादा राज्यों की संपत्ति है जो हमें विश्वास देता है कि जो भी अनुशंसा हमारे पास आएगी उसे मसौदा नीति बनाने से पहले उनके साथ साझा किया जाएगा।’ उन्होंने कहा कि जब नेशनल एजुकेशन पॉलिसी का ड्राफ्ट बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई तो वादा किया गया कि इसे सार्वजनिक करने से पहले राज्यों का पक्ष जाना जाएगा। स्मृति ने कहा, ‘यह सच है कि 27 मई को हमें कुछ अनुशंसाएं मिलीं लेकिन अभी राज्य सरकारों का विचार जाना जाएगा। इसलिए मेरा मानना है कि लोगों के समक्ष इसे अधूरा रखना अनुचित है। इसलिए कि हम राज्यों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं और क्या इस सेतु को महज सुर्खियों के लिए तोड़ दिया जाए।’’

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