प्रीतम पाल सिंह, दीप्तिमान तिवारी
एयर इंडिया मामले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार (31 जनवरी) को कोर्ट में बताया कि दीपक तलवार ने कथित तौर पर तत्कालीन नागरिक उड्डयन मंत्री के साथ अपने नजदीकी का फायदा उठाया। दीपक ने निजी एयरलाइंस को एयरइंडिया के लाभ कमाने वाले रूट व शिड्यूल का प्रयोग करने की सुविधा उपलब्ध करवायी। ईडी ने दावा किया कि एयर इंडिया के मामले में तलवार से जुड़ी पांच कंपनियों को 212 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया गया था। ईडी ने एयर अरबिया, अमीरात और कतर एयरवेज को “रूट का फायदा उठाने वालों” के रूप में नामित किया है। बता दें कि बुधवार (30 जनवरी) को दीपक तलवार को यूएई से भारत लाया गया। गुरुवार को उसे दिल्ली की स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया। यहां से उसे 7 दिनों के लिए ईडी की कस्टडी में भेज दिया गया। वह मुख्य आरोपियों में से एक है।
कथित तौर पर निजी एयरलाइनों को लाभ कमाने वाले मार्ग और शिड्यूल उपलब्ध करवाना उन चार मामलों में से एक है जिसकी जांच ईडी कर रही है। अन्य तीन मामले एयर इंडिया-इंडियन एयरलाइंस विलय, बोइंग और एयरबस से 70 हजार करोड़ रुपये में 111 विमानों की खरीद और विदेशी निवेश के लिए कुछ ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट खोलने का है। बता दें कि एयर इंडिया-इंडियन एयरलाइंस का विलय यूपीए 1 के समय हुआ था, जब उड्डयन मंत्री एनसीपी नेता प्रफुल पटेल थे। पटेल ने इस विलय को लेकर किसी तरह की गड़बडि़यों से इंकार किया और कहा कि यह निर्णय सामूहिक रूप से लिए गए थे। ईडी के द्वारा जांच किए जा रहे ये चारो मामले सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर पर आधारित है। इन मामलों को मनी लॉड्रिंग एक्ट के तहत दर्ज किया गया था।
ईडी ने कोर्ट को बताया कि एयरइंडिया द्वारा एयरबस विमानों की खरीद के दौरान तलवार ने बिचौलिये का काम किया और अपने द्वारा संचालित एनजीओ एडवांटेज इंडिया के खाते के 88 करोड़ रुपये से ज्यादा जमा करवाए। सुनवाई के बाद स्पेशल जज एसएस मन ने तलवार को सात दिनों के लिए ईडी की कस्टडी में भेज दिया है। हालांकि, ईडी ने तलवार से पूछताछ के लिए 14 दिनों के लिए कस्टडी की मांग की थी। एजेंसी द्वारा कहा गया था कि उसकी जांच में यह खुलासा हुआ है कि तलवार ने एयरइंडिया के लाभ कमाने वाले रूट पर तीन विदेशी एयरलाइंस के साथ समझौते के लिए बिचौलिए की भूमिका निभाई।
ईडी के वकील डीपी सिंह ने कहा कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय, एनएसीआईएल, एयर इंडिया के अधिकारियों ने अपने सरकारी पदों का दुरुपयोग करके और अवैध रूप से लाभ लेकर निजी देशी और विदेशी एयरलाइनों को एयर इंडिया के लाभ कमाने वाले मार्गों और शेड्यूल को उपलब्ध करवाया। सिंह ने कहा, “इसकी वजह से एयर इंडिया को काफी ज्यादा नुकसान हुआ। वहीं, निजी घरेलू एयरलाइंस को फायदा पहुंचाया गया।”
मामले की सुनवाई के दौरान तलवार के वकील तनवीर अहमद मीर ने ईडी की दलीलों का विरोध किया। उन्होंने कहा कि यह जांच पूरी तरह उन दस्तावेजों पर आधारित है, जो पहले से ही मौजूद हैं, इसलिए तलवार को कस्टडी में लेने की जरूरत नहीं है। हालांकि, ईडी ने कहा, “आरोपी जांच में शामिल नहीं हुआ है। तलवार के खिलाफ मनी लॉड्रिंग के मामले की जांच के दौरान हमने पाया कि कुछ पैसा एयरइंडिया के मामले से भी जुड़ा है। हमने दीपक तलवार की संस्थाओं को एयर इंडिया के मामले से जुड़े भुगतान का पता लगाया है। हालांकि वह इन कंपनियों में कोई पदाधिकारी नहीं है, लेकिन हमारे पास खुफिया जानकारी है कि वह लाभार्थी है। हमें इन कंपनियों को लेकर उससे और सवाल करने की जरूरत है।”
गौरतलब है कि सितंबर 2016 में सीबीआई ने एनजीओ एडवांटेज इंडिया को मिले विदेशी चंदे को कथित तौर पर डायवर्ट कर निजी इस्तेमाल के लिए तलवार के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक साजिश का मामला दर्ज किया था। इसके बाद दिसंबर 2017 में दिल्ली हाईकोर्ट ने सीबीआई से कहा था कि विदेशी फंडिंग कानूनों के कथित उल्लंघन को लेकर आपराधिक मामले में तलवार और एनजीओ के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई न करें। लेकिन उच्च न्यायालय ने यह स्पष्ट कर दिया था कि ऐसा तभी होगा जब तलवार सीबीआई जांच में सहयोग करेंगे।