प्रवर्तन निदेशालय ने पूर्व केन्द्रीय कपड़ा मंत्री शंकर सिंह वाघेला और अन्य पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है। उन पर 700 करोड़ रुपए का घोटाला करने का आरोप है। इससे पहले मामले की जांच सीबीआई के हाथ में थी। सीबीआई के अनुसार, 2004 से 2009 के बीच कपड़ा मंत्री रहते हुए वाघेला ने जमीन बेचने से पहले नियम में बदलाव किया। नीलामी की प्रक्रिया में निष्पक्षता नहीं रखी गई थी। कुछ लोगों को ही इसमें बुलाया गया और जमीन का 29.35 करोड़ में सौदा कर दिया गया। इससे 709.27 करोड़ का एनसीटी को नुकसान हुआ। वाघेला 1998 में भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे।
इस मामले में पिछले साल सीबीआई ने शंकर सिंह वाघेला और अन्य के ठिकानों पर छापेमारी भी की थी। तब वाघेला ने एनटीसी जमीन बिक्री पर कहा था, ”राजग सरकार थी तब एनटीसी की जमीनें सिर्फ 200 करोड़ रुपए में बेचने के लिए पेश की गई थीं। हमने पांच ही साल में कपड़ा मंत्रालय का विकास किया। एनटीसी जमीन बेचने के लिए पारदर्शक प्रक्रिया अपनाई थी। फलत: दो हजार करोड़ रुपए की आवक हुई। इस धन में से 1800 करोड़ रुपए का कर्ज अदा किया। जमीन बिक्री 2000 करोड़ रुपए की थी ये 1700 करोड़ या 700 करोड़ का आंकड़ा कहां से लाए समझ नहीं रहा।”
शंकर सिंह वाघेला गुजरात भाजपा के बड़े नेता हुआ करते थे, मगर नरेंद्र मोदी के गुजरात का मुख्यमंत्री बनने के बाद रिश्तों में खटास आ गई। बाद में शंकर सिंह वाघेला ने पार्टी छोड़ दी और कांग्रेस का दामन थाम लिया। यूपीए वन के कार्यकाल में वाघेला केन्द्रीय कपड़ा मंत्री रहे।

