पश्चिम बंगाल में कोयला तस्करी से जुड़े मनी लांड्रिंग के मामले में टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी रुजिरा के खिलाफ जारी लुकआउट सर्कुलर वापस ले लिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को ऐसा करने का आदेश दिया। टॉप कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी को लुकआउट सर्कुलर जारी करने के लिए ईडी को फटकार लगाई थी।

जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस सुधांशु धूलिया की बेंच को ईडी ने बताया कि अगर अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी विदेश यात्रा से एक सप्ताह पहले एजेंसी को जानकारी देते हैं तो यात्रा के संबंध में आवश्यक आदेश जारी किए जाएंगे। इससे पहले 24 जुलाई को अदालत ने ईडी से पूछा था कि अदालत की अनुमति के बाद पिछली विदेश यात्रा के लिए दंपत्ति को क्या लुकआउट नोटिस जारी किया गया था?

ईडी की ओर से पेश एडिशनल सॉलीसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि एजेंसी अभिषेक बनर्जी को लुकआउट नोटिस में पहले ही छूट दे चुकी है। उन्हें 26 जुलाई से 20 अगस्त तक दूसरे देश की यात्रा करने की अनुमति है। राजू ने कहा कि बनर्जी की पत्नी को भी कई बार विदेश यात्रा की इजाजत दी जा चुकी है। जब भी उन लोगों ने हमें यात्रा के बारे में पहले से सूचना दी हमने उनको सहूलियत देने की कोशिश की है।

जस्टिस कौल ने एएसजी को लिया आड़े हाथ

जस्टिस कौल ने कहा कि समस्या यह है कि जब कोई विदेश जाता है तो आप कहते हैं कि हमने लुकआउट सर्कुलर जारी नहीं किया है। हमने अनुमति दी है। लुकआउट सर्कुलर के लंबित रहने से ऐसी स्थिति बनती है कि किसी को कहीं भी रोका जाता है। ये ठीक नहीं है। इस सारे बखेड़े की वजह से आपका और मेरा समय बर्बाद हुआ। अगर आप अपनी कार्यवाही को पारदर्शी रखें तो ये समय बर्बाद होने से रोका जा सकता है।

एएसजी ने जब कहा कि कोयला तस्करी घोटाले में दंपति के खिलाफ गंभीर आरोप हैं तो बेंच ने कहा कि एक आपराधिक मामले में प्रासीक्यूशन का दायित्व होता है कि वो अदालत के सामने आरोपों को साबित करे। बेंच ने अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी रुजिरा की याचिका का निपटारा करते हुए कहा कि एएसजी का कहना है कि यदि याचिकाकर्ता विदेश यात्रा से एक सप्ताह पहले सूचित करते हैं तो आवश्यक आदेश जारी किए जाएंगे।