प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धनशोधन से जुड़े एक मामले में आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी चंदा कोचर के पति दीपक कोचर को गिरफ्तार कर लिया है। अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि एजेंसी ने दीपक को मुंबई में धनशोधन रोकथाम कानून की धाराओं के तहत गिरफ्तार कर लिया।

एजेंसी वीडियोकोन समूह को बैंक से कर्ज देने में कथित अनियमितताओं और धनशोधन के मामले में कोचर दंपति से पूछताछ करती रही है। ईडी ने इस साल के शुरू में, चंदा कोचर, दीपक कोचर और उनके स्वामित्व एवं नियंत्रण वाली कंपनियों से संबंधित 78 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क कर ली थी। वीडियोकॉन लोन मामले में सीबीआई ने 24 जनवरी, 2019 को  चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर, वीडियोकॉन समूह के प्रबंधकीय निदेशक वी.एन धूत और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।

इसके बाद ईडी ने भी मनीलॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मामले की जांच शुरू की थी। जांच के बाद ईडी ने इस बात की पुष्टि की थी कि आईसीआईसीआई की पूर्व सीईओ चंदा कोचर और उनके परिवार को लोन ऑफर्स के बदले में 500 करोड़ का घूस मिला। 3250 करोड़ के लोन के मामले में ईडी चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर और वीडियोकॉन के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत से पहले पूछताछ कर चुकी है।

आरोप है कि विडियोकॉन ने आईसीआईसीआई बैंक से मिले 3250 करोड़ के लोन में से 64 करोड़ रुपये चन्दा कोचर के पति दीपक कोचर की कंपनी नु पॉवर में लगाए थे। दोनों कंपनियों की इस लेन देन के खुलासे के बाद ईडी मनी ट्रेल की जांच कर रही है। (मनी ट्रेल दरअसल, पैसा के लेने-देन का खुलासा होता है जो किसी मामले के जांच के दौरान सामने आता है।)

ईडी के अनुसार दीपक कोचर की नु पॉवर को 2010 में 64 करोड़ रुपए वेणुगोपाल धूत की एक शेल कंपनी जरिए मिले , जिसके एवज में आईसीआईसीआई ने 2009 और 2011 के दौरान धूत की कंपनी को 1575 करोड़ का लोन मिला। इसके बाद 2010 में नुनिशांत कनोडिया की मॉरिशस की कंपनी फर्स्ट लैंड ने भी नु पॉवर में 325 करोड़ रुपये निवेश किये। बता दें कि निशांत कनोडिया एस्सार ग्रुप के प्रमोटर रवि रुईया के दामाद हैं।