आर्थिक मंदी से निपटने के लिए मोदी सरकाकर ने उद्योग जगत में जान फूंकने की कई स्तर पर कोशिश कर रही है। इसी के तहत केंद्र सरकार उद्योगों को 4000 से 5000 करोड़ रुपये देने जा रही है। सरकार सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्योगों को यह ममद मुहैया कराएगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आर्थिक तंगी से जूझ रहे अधिकांश कंपनियों से वसूली गई जीएसटी को वापस लौटाने जा रही हैं। शुक्रवार को सीतारमण ने घोषणा की थी कि सूक्ष्म एवं लघु तथा मध्यम उद्योगों को अगले 30 दिनों तक टैक्स में छूट दी जाएगी। ताकि, वे अपनी स्थिति को बेहतर बना सके।
रविवार को सीबीआईसी के अधिकारियों के साथ बैठक में विचार-विमर्श के बाद कई अतिमहत्वपूर्ण फैसले लिए गए। टाइम्स ऑफ इंडिया ने एक अधिकारी के हवाले से बताया,” जीएसटी रिफंड का अमाउंट काफी ऊंचा नहीं रखा गया है, लेकिन जो भी धनराशि होगी उसे हम पूरी तरह लौटाएंगे।” सीतारमण का स्पष्ट संदेश है कि वर्तमान में कंपनियों के भीतर जान डालने के लिए जीएसटी वसूली को लौटाया जाएगा।
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केंद्र सरकार के द्वारा जीएसटी और पेमेंट एरियार में को रिफंड करने की पहल से कंपनियों को जरूर राहत मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। सरकार की पहले में अधिकांश रूप से सूक्ष्म एवं लघु तथा मध्यम कारोबार (MSMEs) है। शनिवार को इस बीच इनमक टैक्स विभाग ने कहा कि कंपनियों के ऊपर लगने वाला अतिरिक्त सरचार्ज को भी वापस लिया गया है। शुक्रवार को अपने प्रेस-कॉन्फ्रेंस में वित्त मंत्री ने कहा था कि नई पहल से लिक्विडिटी की कमी दूर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बैंकों को जल्द सरकार 70,00 करोड़ रुपये की धनराशि देगी। जिसके कारण वह कर्ज आसानी से दे सकते हैं और इससे लिक्विडिटी में करीब 5 लाख रुपये की बढ़ोतरी होगी। केंद्र सरकार जीएसटी की रिफंड रकम 60 दिनों के भीतर लौटा देगी।