ईस्टर्न पेरिफेरल विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। कोर्ट ने एक्सप्रेस-वे के उद्घाटन में हो रही देरी पर नाराजगी जताई है। आदेश देते हुए इस संबंध में पूछा है कि आखिर इसके उद्घाटन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इंतजार क्यों किया जा रहा है? कोर्ट ने इसी के साथ नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) को डेडलाइन दे दी। कहा, “31 मई तक इस एक्सप्रेस-वे का अनावरण नहीं किया गया तो इसे एक जून से आम जनता के लिए खुला समझा जाएगा।”
आपको बता दें कि ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे दिल्ली के पास स्थित है। उत्तर प्रदेश में आने वाला यह हाईवे करीब 135 किलोमीटर लंबा है। यह गाजियाबाद, फरीदाबाद, गौतमबुद्ध नगर (ग्रेटर नोएडा) और पलवल को जोड़ेगा। यह चालू होने के बाद दिल्ली पर जाम और ट्रैफिक का दबाव कम हो सकेगा। पीएम मोदी को इसका उद्घाटन करना था। मगर उनका समय न मिलने के कारण इसके उद्घाटन में देरी हो रही है। सुप्रीम कोर्ट की हालिया टिप्पणी इसी मसले पर आई है।
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में इस हाईवे का कुल 23 किलोमीटर हिस्सा आता है। छह लेन वाले इस हाईवे का उद्घाटन पीएम को 29 अप्रैल को करना था। मगर समय की किल्लत के कारण वह नहीं आ सके। पीएम इन दिनों कर्नाटक में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर व्यस्त चल रहे हैं। ऐसे में इसका अनावरण अभी लटका हुआ है। तय कार्यक्रम के अनुसार इसका उद्घाटन बागपत के खेकड़ा में हो सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने इस बाबत नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) को निर्देश दिया है कि वह इसे नए हाईवे को 31 मई या उससे पहले चालू करे। अगर ऐसा नहीं किया गया तो इसे खुला माना जाएगा। कोर्ट ने दिल्ली में बढ़ते जाम और वाहनों की संख्या की समस्या को लेकर यह आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने साल 2005 में इस पेरिफेरल वे को दिल्ली के पास बनाने के लिए कहा था, ताकि राष्ट्रीय राजधानी वायु प्रदूषण और जाम की समस्या से निजात पा सके।
