Earthquake Tremors in Delhi NCR: दिल्ली एनसीआर में शनिवार शाम 7:57 बजे भूकंप के तेज झटके लगे। लोग अफरा तफरी में घरों से बाहर निकल आए। इस दौरान घरों में तेज कंपन महसूस हुआ, लेकिन झटके काफी देर तक रहने से लोग सहम गए। इस दौरान कई लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। लोग फोन और दूसरों तरीके से भूकंप के बारे में अपने करीबियों से सवाल-जवाब करते दिखे।

नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, भूकंप की तीव्रता तकरीबन 5.4 रही। जिसका केंद्र नेपाल के सिलंगा में था। सीस्मोलॉजी की रिपोर्ट कहती है कि नेपाल में जमीन के 10 किमी. नीचे भूकंप का केंद्र था। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के एक ट्वीट में भूकंप से प्रभावित क्षेत्रों का एक नक्शा प्रकाशित किया, जिसमें उत्तराखंड, दिल्ली-एनसीआर और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों सहित पश्चिमी नेपाल और उत्तरी भारत के अधिकांश हिस्से शामिल थे।

मंगलवार को 15 सेकंड तक भूकंप के झटके महसूस किए गए थे, जिसकी तीव्रता 6.3 तीव्रता इतनी थी, जबिक आज की भूकंप की तीव्रता 5.4 रही, जो 30 सेकंड से अधिक तक रहा। एक्सपर्ट मानते हैं कि भूंकप के झटके आने वाले दिनों में परेशान कर सकते हैं। भूकंप के झटकों के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक ट्वीट किया है। केजरीवाल ने लिखा, ‘आशा करता हूं कि आप सभी सुरक्षित होंगे।

दिल्ली में कब-कब लगे भूकंप के झटके-

दिल्ली में भूकंप के झटकों की बात करें तो इससे पहले 9 नवंबर, 2022 को 6.3 तीव्रता का भूकंप आया था। इससे पहले 5 जुलाई, 2021 को 3.7 तीव्रता, 13 अप्रैल, 2020 को 2.7 तीव्रता, 12 अप्रैल, 2020 को 3.7 तीव्रता, 20 दिसंबर, 2019 को 6.3 तीव्रता और 24 अप्रैल, 2018 को 3.5 तीव्रता का भूकंप आया था।

बता दें, बीते हफ्ते आए भूकंप की तीव्रता भी काफी ज्यादा थी। वैज्ञानिक मानते हैं कि 5 से ऊपर की तीव्रता का भूकंप दिल्ली एनसीआर के लिए खतरनाक हो सकता है। कई बार लोगों के लिए जरूरी दिशा निर्देश भी जारी किए गए हैं, जिससे वो अपना बचाव कर सकें।

एक हफ्ते के भीतर ये दूसरा बड़ा झटका है। इससे पहले मंगलवार को दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केन्द्र (एनसीएस) के अनुसार, मंगलवार देर रात एक बजकर 57 मिनट पर 6.3 तीव्रता का भूकंप आया था।

भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार, उसका केंद्र भी दक्षिण पूर्व नेपाल की सीमा के पास था। यह जगह उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले से 90 किमी दूर है। मंगलवार को आए भूकंप के झटके उत्तराखंड, हिमाचल और उत्तर प्रदेश के कई शहरों में महसूस किए गए थे।

हाल के साल में आए भूकंप के झटके और तबाही-

हाल के सालों में भूकंप के झटकों की बात करें तो 28 मार्च, 2021 को असम भूकंप आया था, जिसमें दो लोगों की मौत हुई थी। 24 जुलाई, 2019 को महाराष्ट्र को आए भूकंप में एक शख्स की मौत हुई थी। 2 सितंबर, 2018 को असम में आए भूकंप में एक की मौत और 25 लोग घायल हुए थे। 26 अक्टूबर, 2015 को आए भूकंप ने एशिया के तीन देशों में तबाही मचाई थी। जिसमें भारत, पाकिस्तान और अफगानिस्तानल में कुल 399 लोगों की मौत हुई थी। वहीं 25 मार्च, 2015 को भारत और नेपाल में आए भूकंप ने भयंकर तबाही मचाई थी, जिसमें आठ हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी।

भूकंप के आने का कारण-

धरती के अंदर सात प्लेट्स ऐसी होती हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। यह प्लेट्स जिन जगहों पर ज्यादा टकराती हैं, उसे फॉल्ट लाइन जोन कहा जाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ जाते हैं। जब प्रेशर ज्यादा बन जाता है तो प्लेट्स टूट जाती हैं। इनके टूटने की वजह से अंदर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता ढूंढती है। इस प्रक्रिया के बाद भूकंप आता है।