सिक्किम में सोमवार रात को 5.4 तीव्रता वाले भूकंप के झटके महसूस किए गए। सिक्किम के अलावा नार्थ बंगाल, असम और बिहार के कई इलाकों में भी लोगों ने भूकंप के झटके महसूस किए। यह जानकारी राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने दी। भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार यह भूकंप रात आठ बजकर 49 मिनट पर आया। राहत की बात यह है कि अभी तक भूकंप के चलते किसी तरह के नुकसान की कोई खबर नहीं आई है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भूकंप का केंद्र सिक्किम की राजधानी गंगटोक के पास ही था। सिक्किम, असम, बंगाल के अलावा नेपाल और भूटान में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप के दौरान लोग डर की वजह से अपने अपने घरों से बाहर निकल गए। पश्चिम बंगाल के  सिलीगुड़ी, कलिंगपोंग, दार्जिलिंग, अलीपुरद्वार, मालदा, गुवाहाटी, दुर्गापुर, रानीगंज,के अलावा बांग्लादेश में भी लोगों ने भूकंप के झटके महसूस किए।

क्यों आता है भूकंप: पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं जो लगातार घूम रही हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है। डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है। इन्‍हें टेक्‍टॉनिक प्‍लेट कहते हैं। इसके कारण भूकंप के अलावा ज्‍वालामुखी विस्‍फोट की आशंका भी रहती है।

भूकंप की तीव्रता को रिक्टर स्केल से मापा जाता है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल भी कहा जाता है। रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। 2.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने से हल्का कंपन होता है। लेकिन उसके ऊपर आने पर काफी नुकसान होता है। भूकंप की तीव्रता का अंदाजा उसके एपीसेंटर से निकलने वाली ऊर्जा की तरंगों से लगाया जाता है। इन तरंगों की वजह से कई बार धरती में दरारे पड़ जाती है। 1934 में आए भूकंप ने 150 किलोमीटर लंबी दरार बना दी थी।