Pahalgam Attack: पाकिस्तान के बीच जारी तनावों के बीच भारत सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ने का आदेश दिया था। इस आदेश की मियाद 30 मई को खत्म हो गई है। ऐसे में भारत पाकिस्तान अटारी-वाघा बॉर्डर पर पाकिस्तान जाने और वहां से भारतीय नागरिकों के आने का सिलसिला जारी रहा। ऐसी ही एक भारतीय पासपोर्ट धारक महिला भी पाकिस्तान चली गई। जिसका परिवार और बच्चे पाकिस्तान के कराची में रहते हैं। उन्होंने इस पूरे मसले पर कहा कि पहलगाम में जो आतंकी घटना हुई वो निंदनीय है लेकिन इसमें उनका क्या दोष है।

महिला ने कहा कि जिन्होंने आतंकी हमला किया है, उन्हें सख्त से सख्त सजा होनी चाहिए। इसमें उन लोगों का क्या कसूर हैं, जिनके परिवार भारत या पाकिस्तान में रहते हैं। उन्होंने इसे नाइंसाफी हो रही है। महिला ने कहा कि उनकी पाकिस्तान में शादी हुई है। उनके पास पाकिस्तान की हाफ नेशनेलिटी है। उन्हें पाकिस्तान से वीजा भी मिल गया है।

आज की बड़ी खबरें

‘खत्म होना चाहिए आतंकवाद’

भारतीय पासपोर्ट होल्डर शरमीन जो कि दिल्ली आईं थी वे भी वापस पाकिस्तान जा रही हैं। उन्होंने कहा,”मेरी शादी को 12 साल हो गए हैं और मेरा एक छोटा बच्चा है। मैं अपनी बीमार मां से मिलने एक महीने के लिए भारत आई थी। मुझे पाकिस्तानी दूतावास से वीजा मिला, और उन्होंने मुझे आज ही सीमा पार करने की सलाह दी। जो घटना (पहलगाम में) हुई, वह गलत थी। आतंकवाद खत्म होना चाहिए, लेकिन आम आदमी को क्यों परेशान किया जा रहा है? सरकार को आतंकवादियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।”

पहलगाम आतंकी हमले के बाद बढ़ी लश्कर चीफ हाफिज सईद की सिक्योरिटी, भारत के सीक्रेट ऑपरेशन से खौफ में पाकिस्तान

‘दोनों देश मिलकर निकालें मसले का हल’

शरमीन इरफान के भाई मोहम्मद शरीक ने कहा, “मैं दिल्ली का रहने वाला हूं और मैं अपनी बहनों को छोड़ने आया हूं, जिनके पास भारतीय पासपोर्ट है, लेकिन उन्होंने पाकिस्तानियों से शादी की है। उन दोनों को कल ही पाकिस्तानी वीजा मिला है पहले ज़मीन का बंटवारा होता था, अब इंसानों का बंटवारा हो रहा है। आतंकवादियों को मार दिया जाना चाहिए। दोनों देशों को मिलकर इसका हल निकालना चाहिए।”

पाकिस्तान लौट रहे हिंदू सूरज कुमार ने बोले- बातचीत होनी चहिए

वहीं अटारी बॉर्डर के ज़रिए पाकिस्तान लौट रहे पाकिस्तानी हिंदू सूरज कुमार कहते हैं कि एक बार बॉर्डर खुल जाए तो हम घर चले जाएंगे, अपने बच्चों के पास, जो हुआ वो गलत है। अगर बातचीत होगी, तभी समाधान निकलेगा। हम आम नागरिक पीड़ित हैं। मैं यहां अपने परिवार के सदस्यों से मिलने आया था, मैं सभी से नहीं मिल पाया। मैं अपनी मां को हरिद्वार ले जाना चाहता था। मैं बलूचिस्तान में रहता हूं और एक हिंदू परिवार से हूं। पहलगाम हमले और भारत-पाकिस्तान तनाव की कवरेज से जुड़ी अपडेट्स के लिए इस लिंक पर क्लिक करें।