EAM Jaishankar on China: भारत-चीन के बीच जारी तनाव के बीच अब विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत में आने वाले चीनी निवेश को लेकर कहा है कि इस निवेश की बारीकी से जांच होनी चाहिए। एस जयशंकर ने कहा है कि भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया ही चीन को लेकर अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा कर रहा है। उन्होंने कहा है कि यूरोप में भी प्रमुख आर्थिक और राष्ट्रीय सुरक्षा बहस का केंद्र चीन है, इतना ही नहीं अमेरिका भी चीन को लेकर गंभीर है।
चीन से जुड़े भारत में हुए निवेश के मामलों को लेकर एस जयशंकर ने कहा है कि चीन से होने वाले निवेश का बारीकी से जांच करना सामान्य बात है। भारत और चीन के बीच सीमा विवाद और आपसी संबंधों को देखते हुए इसकी जरूरत और ज्यादा बढ़ जाती है। उन्होंने यह भी बताया है कि अगर लोग चीन के साथ बिजनेस घाटे की कंप्लेन कर रहे हैं, तो वहीं शिकायत हम भी कर रहे हैं।
भारत के लिए चीन को बताया ‘स्पेशल समस्या’
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बयान दिया है कि भारत की समस्याएं चीन के साथ विशेष हैं, जो वैश्विक चिंताओं से भी परे है। उन्होंने कहा है कि दशकों पहले दुनिया ने चीन में समस्याओं को नजरअंदाज कर दिया था। अब सभी देशों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है। इसके चलते भारत, चीन को लेकर ज्यादा से ज्यादा सतर्कता से काम कर रहा है।
विदेश मंत्री बोले – चीन अलग तरह से करता है काम
चीन के साथ व्यापार को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जब हम चीन के साथ व्यापार, निवेश और अलग-अलग के आदान-प्रदान कर रहे हैं, तो हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि चीन बिल्कुल अलग तरीके से काम करता है। उन्होंने कहा है कि चार साल से सीमा पर चली आ रही है। समस्या के बावजूद अगर देखा जाए, तो हम जो सावधानियां बरत रहे हैं, वह सही हैं। यूरोप और अमेरिका की चीन के साथ नहीं है लेकिन वे भी ऐसा ही कर रहे हैं।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि सवाल यह नहीं है कि चीन के साथ निवेश किया जाए या नही, बल्कि ध्यान ये रखा जाए कि आखिर वह कितना ज्यादा सुरक्षित हैं। जयशंकर ने कहा है कि राष्ट्रीय सुरक्षा का दायरा अब बहुत बढ़ गया है। उन्होंने कहा है कि अगर आपका टेलीकॉम सिस्टम ही चीनी टेक पर आधारित है, तो आप इसे कितना नजरंदाज करेंगे।