Dy Chandrachud News: सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ पिछले साल अपने पद से रिटायर हो गए थे लेकिन अभी तक उन्होंने सरकारी आवास खाली नहीं किया है। अब उन्हें अपना बंगला जल्द से जल्द खाली करना पड़ सकता है। सुप्रीम कोर्ट के एडमिन डिपार्टमेंट ने इसको लेकर केंद्र सरकार को पत्र लिखा है।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के एडमिनिस्ट्रेशन ने केंद्र सरकार के तहत आने वाले आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय को एक पत्र भेजा है। इस पत्र में कहा गया है कि पूर्व सीजेआई को जितने समय के लिए सरकारी बंगले में रहने को कहा गया था, वो टाइमलिमिट पूरी हो चुकी है। सुप्रीम कोर्ट ने ये भी मांग की है कि सरकार इस बंगले को खाली कराए और इसे कोर्ट के हाउसिंग पूल को लौटाने का काम करे।
सुप्रीम कोर्ट ने 1 जुलाई को भेजा था पत्र
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट बताती है कि सुप्रीम कोर्ट ने डीवाई चंद्रचूड़ के बंगले को लेकर पत्र 1 जुलाई को भेजा था। बता दें कि पूर्व सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ को सरकार की तरफ से लुटियंस दिल्ली के ही कृष्णा मेनन मार्ग पर स्थित बंगला नंबर पांच दिया गया था। वे तब से लेकर अब तक यहीं पर रह रहे हैं। बता दें कि यह बंगला आधिकारिक तौर पर सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग सीजेआई का आवास है।
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‘बंगला खाली करने में न हो देरी’
सुप्रीम कोर्ट के एडमिन विभाग ने कहा है कि बिना किसी देरी के डॉक्टर जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ से बंगला नंबर पांच खाली कराया जाए। उन्हें इस बंगले में रहने की अनुमति का विस्तारित समय 21 मई 2025 को खत्म हो चुका है। इसके अलावा 2022 नियमों के नियम 3बीं के तहत प्रदान की घई 10 मई 2025 तक की अवधि खत्म हो चुकी है।
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‘अब नहीं मिलेगी छूट’
सुप्रीम कोर्ट द्वारा केंद्र सरकार को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि डीवाई चंद्रचूड़ अब नियमों के तहत आवंटित किए जा सकने वाली टाइप VII श्रेणी की बजाय टाइप VIII बंगले में रह रहे हैं, जिसकी अनुमति सिर्फ कार्यरत CJI को होती है। नियम 3B के अनुसार, कोई भी सेवानिवृत्त प्रधान न्यायाधीश छह माह तक केवल टाइप VII आवास रख सकता है। चंद्रचूड़ ने दिसंबर 2024 में निवर्तमान CJI जस्टिस संजीव खन्ना को पत्र लिखकर 30 अप्रैल 2025 तक बंगला रखने की अनुमति मांगी थी, जो दी गई थी।
इसके बाद मौखिक अनुरोध पर उन्हें 31 मई तक रहन की अनुमति दी गई, वो भी इस शर्त के साथ कि इसके बाद कोई और विस्तार नहीं दिया जाएगा। इसके बावजूद अब वह जुलाई में भी उसी बंगले में रह रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने मंत्रालय से कहा है कि अब और कोई विस्तार नहीं हो सकता, इसलिए बिना किसी विलंब के बंगला वापस लिया जाए।
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