दिल्ली यूनिवर्सिटी अध्यक्ष रौनक खत्री ने मंगलवार को लक्ष्मीबाई कॉलेज की प्रिंसिपल के दफ्तर की दीवारों पर गाय का गोबर लगा दिया। इसके कारण विवाद और बढ़ गया। यह विवाद तब शुरू हुआ जब उनका एक वीडियो सामने आया जिसमें वह क्लास की दीवारों को ठंडा करने के लिए उन पर गोबर पोतते नजर आए। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमे प्रिंसिपल प्रत्यूष वत्सला क्लास की दीवारों को गाय के गोबर से पोतते नजर आई थीं।
रौनक खत्री ने क्यों किया ये काम?
रौनक खत्री ने प्रिंसिपल के दफ्तर के अंदर एक फैकल्टी सदस्य से बहस करते हुए समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, “इस तरह की पहल के लिए छात्रों से कोई सहमति नहीं ली गई थी। अगर आप शोध करना चाहते हैं, तो अपने घर पर करें।”
प्रिंसिपल ने 13 अप्रैल को पीटीआई को बताया था कि फैकल्टी के नेतृत्व वाली पहल स्वदेशी और टिकाऊ तकनीकों की खोज के उद्देश्य से चल रहे रिसर्च के रूप में ऐसा किया गया था। प्रिंसिपल के वायरल वीडियो को लेकर खत्री ने कहा कि वह और उनके समर्थक उनके कार्यालय की दीवारों पर प्लास्टर करके उनकी मदद करने गए थे। उन्होंने लिखा, “हमें पूरा विश्वास है कि मैडम अब अपने कमरे से एसी हटवाकर छात्रों को सौंप देंगी और कॉलेज को गोबर से लिपे इस आधुनिक और प्राकृतिक ठंडे वातावरण में चलाएंगी।”
बहराइच में भीषण सड़क हादसा, बस और टेंपो के बीच हुई टक्कर, 5 की मौत
प्रिंसिपल ने बताई वजह
अपने अब वायरल हो चुके वीडियो के बचाव में प्रिंसिपल वत्सला ने 13 अप्रैल को कहा कि यह पोर्टा केबिन में चल रहे एक रिसर्च प्रोजेक्ट का हिस्सा था। उन्होंने कहा, “यह प्रक्रियाधीन है। मैं एक सप्ताह के बाद पूरे रिसर्च का विवरण साझा कर पाऊंगी।” उन्होंने जोर देकर कहा कि बिना पूरे संदर्भ के गलत सूचना फैलाई जा रही है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक मिट्टी को छूने में कोई बुराई नहीं है।
कथित तौर पर प्रिंसिपल ने शिक्षकों के व्हाट्सएप ग्रुप में वीडियो साझा किया, जिसमें बताया गया कि सी ब्लॉक में कक्षाओं को ठंडा करने के लिए स्वदेशी पद्धति का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने लिखा, “जिनकी यहां कक्षाएं हैं, उन्हें जल्द ही ये कमरे नए रूप में मिलेंगे। आपके शिक्षण अनुभव को सुखद बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं।” प्रशासन का कहना है कि यह दिल्ली में बढ़ते तापमान के बीच टिकाऊ प्रथाओं की वैज्ञानिक जांच का हिस्सा है।
