सुप्रीम कोर्ट में आज सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता और सीनियर एडवोकेट दुष्यंत दवे के बीच तीखी तकरार हुई। वाकया सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की कोर्ट का है। दुष्यंत दवे इतने ज्यादा गुस्से में थे कि उन्होंने सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता पर चिल्लाते हुए कहा कि इनकी आदत है हर मामले को लटकाने की। ये कोर्ट में मामलों को लटकाने के लिए ही आते हैं।
दवे बोले- मेहता को मेरे से एलर्जी है, मुझे भी आपसे एलर्जी है
तुषार मेहता ने जब उनसे कहा कि चिल्लाने से कोई फायदा नहीं होगा तो फिर दुष्यंत दवे के तेवर और ज्यादा तीखे हो गए। वो बोले- मैं चिल्ला रहा हूं? ये लॉ अफसर हैं। इनको मेरे से एलर्जी है। मुझे भी आपसे एलर्जी है। सरकार को खुश करने के लिए ये बेहद निचले स्तर तक गिर चुके हैं। दवे का कहना था कि जैसी हरकत ये कर रहे हैं वैसी उन्होंने 44 साल में नहीं देखी।
सीजेआई की डपट के बाद दोनों कोर्ट में हुई शांति, दोनों ने कहा- सॉरी
दोनों की तकरार देखने के बाद सीजेआई ने हस्तक्षेप किया और दुष्यंत दवे के साथ तुषार मेहता को हिदायत दी कि कोर्ट को निजी विवाद निपटाने की जगह न बनाए। जो मसला है उस पर बहस करें तो ज्यादा बेहतर रहेगा। दोनों की झड़प देखकर सीजेआई को भी गुस्सा आया। उन्होंने कहा कि मेरी या किसी की भी कोर्ट का माहौल खराब न करें। तुषार मेहता ने कहा कि वो ध्यान रखेंगे। दवे ने उन पर तंज कसते हुए कहा कि कम से कम आपने माना तो कि आप कोर्ट का माहौल खराब कर रहे थे। सीजेआई की डपट के बाद दोनों ने उनसे सॉरी बोलकर विवाद खत्म किया।
तेलंगाना सरकार की गवर्नर के खिलाफ याचिका पर सुनवाई के दौरान हुआ विवाद
दरअसल सुप्रीम कोर्ट में तेलंगाना से जुड़े एक मामले की सुनवाई चल रही थी। दुष्यंत दवे तेलंगाना सरकार की तरफ से पेश हुए थे। उनका कहना था कि गैर बीजेपी शासित सूबों में गवर्नर सरकार की हर फाइल को लटका रहे हैं। राज्यपाल सरकारों को काम करने ही नहीं दे रहे हैं। ये बिलकुल गलत है। उनका कहना था कि गुजरात हो या फिर कोई बीजेपी शासित राज्य। वहां पर राज्यपाल सरकार के हर बिल को तुरंत निपटा देते हैं। लेकिन जैसे ही हम गैर बीजेपी शासित राज्यों को देखते हैं तो साफ है कि राज्यपाल सरकार के हर काम में अड़ंगा लगाने से बाज नहीं आते। ये रुटीन बन गया है।
सीजेआई की सॉलीसिटर जनरल को हिदायत- तुरंत पास हों सरकारों के बिल
सीजेआई ने याचिका को निपटाते हुए तुषार मेहता को हिदाय़त दी कि ये ध्यान रखा जाए कि सरकारों के बिल गवर्नर लंबे समय तक न लटकाएं। तुषार मेहता का कहना था कि ये कोई जरूरी नहीं है। सीजेआई ने सख्त लहजे में कहा कि ये बात मैं तेलंगाना के लिए नहीं कह रहा हूं। ये सभी के लिए है। इस बात को दिमाग में रखें कि सरकारों के बिल तुरंत प्रभाव से पास होने चाहिए।