दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव के लिए छात्र संगठन जमकर प्रचार कर रहे हैं। इस दौरान जमकर पोस्टर, पैम्फ़लेट, पर्चे लगाए और बांटे जा रहे हैं। इस दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाए जाने के मामले भी सामने आए हैं। दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन को ऐसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने के लिए फटकार लगाई है।
हाईकोर्ट ने दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन से कहा कि वह सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने में शामिल उम्मीदवारों को अयोग्य ठहराने का नोटिस जारी करे और नुकसान की भरपाई भी करें।
दिल्ली हाईकोर्ट सख्त, जानिए क्या कहा?
जस्टिस मनमोहन और जस्टिस तुषार राव गेडेला की पीठ ने दिल्ली विश्वविद्यालय से कहा कि आप आज ही ऐसे उम्मीदवारों को अयोग्य ठहराने का नोटिस जारी करें और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए फाइन के तौर पर पैसे भरने के लिए भी कहें। दिल्ली मेट्रो और एमसीडी को इसमें शामिल लोगों के नाम दिल्ली विश्वविद्यालय को देने चाहिए। उन लोगों के नाम बताएं जो सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
अदालत ने डीयू के मुख्य चुनाव अधिकारी को बुधवार को अदालत में उपस्थित रहने का निर्देश दिया। दिल्ली हाईकोर्ट डीयूएसयू चुनावों के संभावित उम्मीदवारों के द्वारा सार्वजनिक दीवारों को नुकसान पहुंचाने, गंदा करने या में शामिल छात्र राजनीतिक संगठनों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही है।
याचिकाकर्ता प्रशांत मनचंदा हैं, जो पेशे से वकील हैं। उन्होंने कॉलेज की कक्षाओं को नुकसान पहुंचाने में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की, उनका कहना है कि छात्रों को शिक्षा के उनके अधिकार से भी वंचित किया जा रहा है। उन्होंने दोषी उम्मीदवारों और उनकी पार्टियों को निर्देश देने की भी मांग की कि और कहा कि वह इसपर सख्ती से एक्शन लें और जहां गंदगी की है उसे दुरुस्त करें। हाईकोर्ट ने इस दौरान कहा कि जब य ऐसा किया जा रहा था, तब पुलिस अधिकारी क्या कर रहे थे? यह चौंकाने वाला है। बड़े-बड़े होर्डिंग्स लगने के बावजूद नागरिक निकाय कुछ नहीं कर रहा है।