राजधानी के मुंडका इलाके में रविवार को रोडरोज में एक मोटरसाइकिल सवार ने अपने साथी के साथ मिलकर दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) के एक बस चालक की पीट-पीट कर हत्या कर दी। घटना से नाराज डीटीसी ड्राइवरों और कंडक्टरों ने सोमवार को हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है।

पुलिस ने देर रात आरोपी विजय को गिरफ्तार कर लिया। दिल्ली सरकार ने पीड़ित परिवार पांच लाख रुपए का मुआवजा देने और चालक के परिवार के एक सदस्य को स्थायी नौकरी देने की घोषणा की है। सरकार ने डीटीसी कर्मियों और यात्रियों की सुरक्षा को लेकर परिवहन विभाग से रिपोर्ट मांगी है।

हरियाणा के झज्जर जिले के निवासी अशोक सिंह डीटीसी की लो फ्लोर बिना एसी बस के चालक थे। रविवार सुबह करीब साढ़े नौ बजे बस बहादुरगढ़ से दिल्ली कर्मपुरा की ओर जा रही थी। रोहतक रोड पर रानीखेड़ा लाल बत्ती के पास बस ने एक मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी। इससे मोटरसाइकिल चला रहा व्यक्ति और पीछे बैठी महिला गिर गए। उन्हें मामूली चोटें आईं। इसके बाद मोटरसाइकिल सवार ने अपने एक साथी को बुला लिया।

दोनों की अशोक के साथ कहासुनी हुई, जो मारपीट में बदल गई। दोनों ने हेलमेट और बस में रखे अग्निशमन उपकरण से अशोक पर हमला कर दिया। पिटाई से अचेत होकर अशोक बस की स्टेयरिंग पर गिर गए। इस बीच किसी ने घटना की जानकारी पुलिस को दी। जब तक पुलिस मौके पर पहुंची। आरोपी वहां से फरार हो चुके थे। पुलिस ने अशोक को दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल ले गई, जहां दिन में करीब 11 बजे डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक आरोपियों में से एक की पहचान कर ली गई है। लेकिन उसकी पहचान सार्वजनिक नहीं की गई है। मुंडका थाना पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर फरार आरोपी की तलाश शुरू कर दी है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया,‘सिंह के शरीर पर किसी बाहरी चोट का निशान नहीं था। हमलावर ने ड्राइवर पर हेलमेट से हमला किया। हम यह भी जांच कर रहे हैं कि हमलावर ने बस में रखे अग्निशमन उपकरण से भी हमला किया क्योंकि वह उपकरण अपने स्थान पर नहीं था। हमने बस के कंडक्टर का भी बयान दर्ज किया है।’ उन्होंने कहा कि शुरुआती जांच के मुताबिक आरोपी स्थानीय निवासी लग रहा है। मोटरसाइकिल पर पीछे बैठी महिला आरोपी की मां थी। उन्होंने कहा कि घटना के समय बस में कुछ यात्री सवार थे।

घटनास्थल पर पहुंचे अशोक के बेटे अजय ने बताया कि उनके पिता घर में अकेले कमाने वाले सदस्य थे। उनकी मौत के बाद उनके पालन पोषण के लिए परिवार के सदस्य को नौकरी मिलनी चाहिए। उन्होंने बताया कि पुलिस ने उन्हें दस बजे फोन पर घटना की जानकारी दी। इस घटना के समय बस सवारियों से भरी थी। लेकिन किसी ने भी अशोक को बचाने का प्रयास नहीं किया। अजय ने कहा कि अगर किसी ने उनके पिता को बचाया होता तो आज वे जिंदा होते।

दिल्ली सरकार के परिवहन मंत्री गोपाल राय ने मुंडका पहुंचकर पीड़ित परिवार से मुलाकात की और पांच लाख रुपए का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की घोषणा की। राय ने एक नोडल अधिकारी नियुक्त कर मामले की रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपेने के निर्देश दिए। मुआवजा मुख्यमंत्री राहत कोष से दिया जाएगा।

वहीं दिल्ली सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री ने डीटीसी कर्मियों और बसों के यात्रियों की सुरक्षा की स्थिति के संबंध में परिवहन विभाग से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।

घटना से नाराज डीटीसी के ड्राइवरों और कंडक्टरों ने रोहिणी बस डिपो के बाहर प्रदर्शन कर बेहतर सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर सोमवार से हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है।

परिवहन मंत्री गोपाल राय ने ड्राइवरों की यूनियन से उनसे अलग से मिलने को कहा ताकि उनकी शिकायतों पर विचार-विमर्श किया जा सके।