पुलिस का खौफ किस कदर लोगों के जहन पर हावी है ये बात महाराष्ट्र के जालना जिले की घटना से समझी जा सकती है। अस्पताल में पुलिस के डीएसपी और उसके मातहतों ने एक व्यक्ति को लात और डंडों से केवल इस वजह से पीटा क्योंकि वो उनकी वीडियो बना रहा था। जुल्म सहकर और देखकर भी लोगों ने अपना मुंह नहीं खोला। लेकिन जब अधिकारी रिश्वत के मामले में सस्पेंड हो गया तो घटना के 1 माह बाद ये फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल हो गई।

मामले से जुड़े लोगों का कहना है कि जालना में पिछले महीने डिप्टी एसपी किरडकर ने एक शख्स को अस्पताल में बेरहमी से इसलिए पीटा क्योंकि इसने अस्पताल में पुलिसवालों की एक वीडियो बनाई थी। बेहरहमी से पिटाई होने के बावजूद पीड़ित ने कहीं शिकायत नहीं की। अब जब मारने वाले अधिकारी को एक दूसरे मामले ससपेंड किया गया है, तब लोग हिम्मत जुटाकर वीडियो को वायरल कर रहे।

सोशल मीडिय़ा पर वीडिय़ो के वायरल होते ही लोग भड़क गए। एक यूजर ने लिखा-ऐसे अधिकारियों पर अगर कार्रवाई नहीं की जाएगी, तो इन्हें और बढ़ावा मिलेगा। अस्पताल के बाद इस शख्स को पुलिस स्टेशन ले जाकर भी पीटा गया। क्या महाराष्ट्र सरकार की ओर से ऐसे अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए? क्या यह ड्यूटी करने के लायक हैं? राज सिंह शाही ने लिखा- मोदी सरकार का गुस्सा और अपने सीनियर अधिकारियों का दबाव …लाठी चला के जनता पे निकाल रही है….समझिए कुछ बात को।

राकेश ने लिखा-यूपी से प्रशिक्षण प्राप्त किया है क्या इस पुलिस वाले ने। निशीथ के हैंडल से पोस्ट किया गया-आप भी सरकार से उम्मीद कर रहे हैं? चाहे कोई भी सरकार हो ये दर्द वापस नहीं ले सकती पुलिस वाले जब चाहे गरीब और लाचार पे अपना रॉब जता देते हैं। और ये हर राज्य में ऐसा होता है। सुनील देवधर का दावा है कि जिसकी पिटाई हुई है वह भारतीय जनता युवा मोर्चा से जुड़ा है।

एक यूजर ने लिखा- पुलिस की जॉब भी बड़ी अजीब होती है तो रिपुसूदन ने पलटवार किया कि क्यों अजीब होती है? बाकी लोग जॉब नही कर रहे हैं? अधिकारियों के प्रेशर का बहाना बना कर लोगों को मारेगा? कुछ दिनों बाद समय ऐसा आएगा की लोग सरेआम ऐसे पुलिस वाले को घसीट कर मारेंगे फिर समझ में आएगा की पुलिस की जॉब कैसी होती है।