प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पंजाब के राजस्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया को ड्रग तस्करों के गिरोह के लिए 6000 करोड़ रुपए के कथित मनी लांड्रिंग (धनशोधन) घोटाले के सिलसिले में 26 दिसंबर को पेश होने के लिए समन जारी किया है। आधिकारिक सूत्रों ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि ईडी ने मजीठिया को समन जारी किया है और उनसे 26 दिसंबर को सुबह 11 बजे निदेशालय के जलंधर कार्यालय में पूछताछ हो सकती है।

मजीठिया की बादल परिवार से करीबी रिश्तेदारी है। 2007 व 2012 में पंजाब की मजीठिया विधानसभा से चुने गए बिक्रम सिंह उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल के साले व उनकी पत्नी व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर के छोटे भाई हैं। मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने कहा कि समन मिलने का मतलब यह नहीं है कि मजीठिया दोषी हैं।

केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अधीन वित्तीय जांच एजंसी ईडी ने अंतरराष्ट्रीय नशा तस्करी में शामिल लोगों से पूछताछ की है जिसका भंडाफोड़ प्रवासी भारतीय अनूप सिंह कहलों की मदद से मार्च, 2013 में फतेहगढ़ साहिब थाने में किया गया। इसके बाद हुई जांच में पिछले साल नवंबर में कथित सरगना जगदीश सिंह भोला की गिरफ्तारी हुई जो पंजाब पुलिस का निलंबित डीएसपी है। भोला के खुलासे के आधार पर अमृतसर के व्यवसायी बिट्टू औलख और जगजीत सिंह चहल को भी गिरफ्तार किया गया जिनकी दवा की कंपनियां हैं। भोला और बिट्टू औलख जहां जेल में बंद हैं वहीं चहल को इस साल मार्च में जमानत दे दी गई।

सूत्रों ने कहा कि सभी आरोपियों भोला, बिट्टू, चहल और बिट्टू के पिता मास्टर प्रताप सिंह से पूछताछ की गई है और उनके बयानों को ईडी ने प्रिवेंशन आॅफ मनी लांड्रिंग एक्ट की धारा 50 के तहत दर्ज किया है। सूत्रों ने कहा कि चहल और बिट्टू के पिता ने अपने बयानों में खुलासा किया कि मंत्री कनाडा के नशा तस्करों सतप्रीत सट्टा और परबिंदर सिंह उर्फ पिंडी को जानते हैं। ईडी के सूत्रों ने कहा कि चहल ने अपने बयान में कहा कि सट्टा के भारत प्रवास के दौरान मजीठिया उसे दो बंदूकधारी और कार व ड्राइवर मुहैया कराते थे। उसका बयान भोला के बयानों से मेल खाता है कि सट्टा और पिंडी मजीठिया की शादी में मौजूद थे।

चहल की दवा बनाने की कंपनी है जो कथित रूप से इफेड्रिन और स्यूडोइफेड्रिन का निर्माण करती है। इनका इस्तेमाल अवैध रूप से कृत्रिम नशीला पदार्थ आइसीई बनाने के लिए किया जाता है। सूत्रों ने कहा कि ईडी ने मजीठिया से पूछताछ के लिए करीब 50 सवालों की सूची तैयार कर ली है।

बहरहाल मजीठिया से संपर्क नहीं हो सका क्योंकि उनका फोन बंद था। समन पर प्रतिक्रिया जताते हुए शिअद के सहयोगी दल भाजपा ने भी मजीठिया के इस्तीफे की मांग की। पंजाब भाजपा के प्रमुख कमल शर्मा ने कहा कि मामले की ‘निष्पक्ष जांच’ के लिए मजीठिया को इस्तीफा दे देना चाहिए।

कांग्रेस ने भी मजीठिया के इस्तीफे की मांग की है। पंजाब कांग्रेस के प्रमुख प्रताप सिंह बाजवा ने इस्तीफे की मांग करते हुए मजीठिया को जेल मंत्री सरवन सिंह फिल्लौर के इस्तीफे की याद दिलाई। उन्होंने कहा कि इसी तरह के मामले में बेटे का नाम सामने आने पर फिल्लौर ने इस्तीफा दे दिया था।

बाजवा ने कहा कि अब मजीठिया को समन किया गया है और उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए और जांचकर्ताओं के समक्ष उपस्थित होना चाहिए ताकि पारदर्शी जांच का रास्ता साफ हो सके।

इस बीच लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता अमरिंदर सिंह ने कहा कि नशा तस्करी के मुद्दे पर प्रवर्तन निदेशालय की ओर से मजीठिया को समन जारी करना केवल उनके रुख को सही ठहराता है। जबकि भाकपा के राष्ट्रीय सचिव अतुल अंजान ने कहा कि ड्रग तस्करी का धंधा शिरोमणि अकाली दल और कांग्रेस का संयुक्त उपक्रम है।