डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (DRI) अडानी समूह के खिलाफ कोयला आयात मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करेगा। डीआरआई की तरफ से इस आशय की सूचना दिल्ली हाईकोर्ट को दे दी गई है। ऐसे में कारोबारी अडानी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

मुंबई हाईकोर्ट ने अडानी ग्रुप को इस मामले में राहत देते हुए डीआरआई को लेटर ऑफ रोगेटरी पर कार्रवाई करने से रोक दिया था। अदालत ने डीआरआई से इस मामले में अडानी समूह की याचिका पर विस्तृत जवाब देने की बात भी कही थी। इसके बाद 1 नवंबर को दाखिल हलफनामे में डीआरआई ने कहा, ‘वह उपयुक्त कानूनी राहत लेने पर विचार कर रही है और इसके लिए माननीय सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर करेगी।’

मालूम हो कि डीआरआई की तरफ से अडानी समूह की दो कंपनियों के खिलाफ इंडोनेशिया से साल 2011 से 2015 के दौरान आयातित कोयले की कीमत अधिक दिखाने के मामले में जांच की जा रही है। डीआईआई के हलफनामे के अनुसार एजेंसी कथित रूप से आयात का अधिक मूल्य दिखाए जाने के मामले में पीएमसी प्रोजेक्ट्स (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड, अडानी पावर महाराष्ट्र प्राइवेट लिमिटेड-अडानी पावर राजस्थान लिमिटेड और नॉलेज इंफ्रास्ट्रक्चर सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ जांच कर रही है।

इस संबंध में डीआरआई की तरफ से कई देशों को लेटर ऑफ रोगाटोरी जारी किया गया था। यह लेटर एक तरह का औपचारिक आग्रह है जिसमें दूसरे देश से किसी मामले की जांच के लिए सूचनाएं मांगी जाती है। इससे पहले सूचना मांगे जाने वाले देश के साथ म्यूचुअल लीगल असिस्टेंस ट्रीटी होती है।

इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने डीआरआई से कहा था कि वह इससे संबंधित एडवोकेट प्रशांत भूषण की तरफ से दायर जनहित याचिका की सुनवाई कर रही है। ऐसे में डीआईआई एक हलफनामा दाखिल करे।

मालूम हो कि एडवोकेट प्रशांत भूषण ने इंडोनेशिया से कोयला और ऊर्जा उपकरण आयात के मूल्य को कथित रूप से अधिक दिखाए जाने के खिलाफ याचिका दायर की है। यह मामला करीब 29000 करोड़ रुपये का है।