डीआरडीओ ने आज भारतीय सेना के लिए विकसित मीडियम रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल सिस्टम का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। परीक्षण में मिसाइल ने लक्ष्य पर सीधा हमला किया। बता दें कि इसी महीने डीआरडीओ ने पृथ्वी-2 बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया था। ओडिशा के बालासोर में इस परीक्षण को अंजाम दिया गया था। उस समय डीआरडीओ द्वारा विकसित परमाणु सक्षम सतह से सतह से मार करने वाली मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया था। ये मिसाइल अपने साथ 500 से 1000 किलो युद्ध सामग्री ले जा सकती है। इसकी मारक क्षमता 350 किलोमीटर है। खास बात ये है कि मिसाइल में एडवांस गाइडेंस सिस्टम लगा है। जो काफी आसानी से लक्ष्य को निशाना बनाता है। अक्टूबर महीने में इस मिसाल का रात में भी ट्रायल किया गया था।

यही नही दिसंबर महीने डीआरडीओ द्वारा विकसित ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के एंटी शिप वर्जन ने परीक्षण में अपने लक्ष्य शिप पर सफल प्रहार किया था। इस मिसाल की मारक क्षमता 300 किलोमीटर है। बंगाल की खाड़ी में ये सफल परीक्षण किया गया था। मिसाइल के टारगेट को बंगाल की खाड़ी में कार-निकोबार द्वीप समूह के पास रखा गया था। मिसाइल को आईएनएस रणविजय से लॉन्च किया गया था। खास बात ये है कि भारतीय सेनाएं एक सीरीज के तहत ये परीक्षण कर रही हैं।

ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के पास दुनिया में अपनी किस्म का सबसे तेज ऑपरेटिंग सिस्टम भी है। DRDO ने हाल ही में इस मिसाइल सिस्टम की मारक क्षमता को 450 किमी कर दिया है।

आज चांदीपुर में किए गए इस परीक्षण से पहले स्थानीय लोगों को अस्थायी शिविरों में पहुंचा दिया गया था। बता दें कि जब भी इस तरह का परीक्षण किया जाता है तो परीक्षण स्थल के आस-पास के लोगों को सुरक्षित जगह पहुंचा दिया जाता है।यही नहीं लोगों को मुआवजा भी दिया जाता है।