AD-1 Interceptor Missile: अब भारत को एंटी मिसाइल डिफेंस सिस्टम के लिए रूस के एम-400 पर निर्भर नहीं रहना होगा। भारत खुद का बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस (BMD) सिस्टम तैयार कर रहा है। इस दिशा में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने बुधवार को इतिहास रच दिया है। ओडिशा के चांदीपुर के एलसी-IV धामरा से इस सिस्टम के दूसरे चरण का सफल ट्रायल किया गया। खास बात यह है कि यह बैलेस्टिक मिसाइल दुश्मन की 5000 किलोमीटर रेंज वाली मिसाइलों से निपटने में सक्षम है।
हवा में ढेर की दुश्मन की डमी मिसाइल
डीआरडीओ के मुताबिक ट्रायल के दौरान इस सिस्टम ने हवा में डमी के तौर पर तैनात दुश्मन के मिसाइल को भी काफी सटीकता से टारगेट किया। यह मिसाइल ना सिर्फ जमीन बल्कि हवा से भी आने वाले किसी भी टारगेट को खत्म करने में सक्षम है। ट्रायल के दूसरे चरण में एडी (एडवांस्ड एरिया डिफेंस) एंडो-एटमॉस्फेरिक मिसाइल का परीक्षण किया गया। ये मिसाइल पाकिस्तान या चीन की तरफ से आने वाली बैलिस्टिक मिसाइलों को वायुमंडल के नजदीक ही नष्ट कर देगी।
क्या है खासियत
यह सिस्टम हवा में 100 किमी से कम ऊंचाई वाले किसी भी टारगेट को खत्म कर सकता है। लॉन्च पैड थ्री से पहले पृथ्वी-2 न्यूक्लियर बैलिस्टिक मिसाइल दागी गई। इसके बाद इंटरसेप्टर मिसाइल AD-1 की लॉन्चिंग की गई। इसमें लंबी दूरी के सेंसर, कम विलंबता संचार प्रणाली और उन्नत इंटरसेप्टर मिसाइलों से युक्त एक पूर्ण नेटवर्क केंद्रित युद्ध अस्त्र प्रणाली लगाई गई है। ये मिसाइल दुश्मन की IRBM मिसाइल को इंटरसेप्ट कर सकती हैं। यह 5000 किमी रेंज वाली मिसाइलों को मार गिरा सकती हैं। ये मिसाइलें अमेरिका के टर्मिनल हाई एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस (THAAD) मिसाइल जैसी रक्षा प्रणाली हैं।
कैसे करती है काम
ये मिसाइलें दुश्मन की मिसाइलों को आता देख खुद फायर हो जाएंगी। यह सिस्टम जमीन से 1000 से 3000 किमी दूर ही उनसे टकराकर उन्हें नष्ट कर देंगी। बता दें कि IRBM मिसाइलों की रेंज 3 से 5 हजार किलोमीटर होती है। यानी अगर चीन और पाकिस्तान की ओर से भी कोई मिसाइल आती है तो उसे आसानी से नष्ट किया जा सकेगा। एडी-2 एक लंबी दूरी की इंटरसेप्टर मिसाइल है, जिसे लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों के साथ-साथ विमानों के लो एक्सो-एटमॉस्फियरिक और एंडो-एटमॉस्फियरिक इंटरसेप्शन दोनों के लिए डिज़ाइन किया गया है।