विपक्षी नेताओं के चुनावी भाषणों से केंद्र सरकार के खिलाफ की गई टिप्पणियों और कुछ शब्दों को हटा दिया गया है। दूरदर्शन और आकाशवाणी पर दिए गए भाषण में यह कार्रवाई की गई। सीपीएम महासचिव सीताराम याचुरी और फॉरवर्ड ब्लॉक नेता जी देवराजन के भाषणों में यह कार्रवाई की गई।
विपक्ष के दो नेताओं को ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन पर दिए गए अपने भाषणों से सांप्रदायिक सत्तावादी शासन और कठोर कानून और मुसलमान शब्द को हटाने के लिए कहा गया था। सीताराम येचुरी के भाषण से दो शब्दों को हटाना पड़ा और कुछ शब्दों को बदलना पड़ा। वहीं, ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक के नेता जी देवराजन को कोलकाता में दर्ज अपने भाषण में मुस्लमान शब्द से बचने के लिए कहा गया।
चुनाव आयोग के नियमों का पालन
इस मामले पर प्रसार भारती के एक अधिकारी ने कहा कि दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो दोनों ने इलेक्शन कमीशन के नियमों का पालन किया है। हालांकि, ज्यादातर नेताओं के साथ ऐसा ही होता है। यह कोई पहली बार नहीं हैं कि उनके भाषणों में से ही कुछ शब्द हटाए गए हैं। इससे पहले भी कुछ सीएम के भाषणों को सही किया गया है।
इन शब्दों को बोलने से करें परहेज
इलेक्शन कमीशन के द्वारा दिए गए डायेरक्शंस में नेताओं को दूसरे देशों की आलोचना, धर्मों या समुदाय पर हमला, हिंसा भड़काने या अदालत की अवमानना करने वाली कोई भी चीज, राष्ट्रपति और न्यापालिका की अखंडता पर सवाल, किसी भी शख्स के नाम की आलोचना और राष्ट्र की एकता और अखंडता जैसे शब्दों को बोलने से बचने के लिए कहा जाता है।
इलेक्शन कमीशन द्वारा अप्रैल में जारी नियमों के तहत, राष्टीय पार्टियों और राज्य पार्टियों के प्रतिनिधियों को चुनाव से पहले दूरदर्शन और आकाशवाणी पर भाषण देने के लिए समय दिया जाता है। इन निर्देशों में कहा गया कि 6 राष्ट्रीय दल और 59 राज्य दल चुनाव चिह्न (आरक्षण और आवंटन) आदेश, 1968 के प्रावधानों के तहत प्रसारण की सुविधा के पात्र थे।
सीताराम यचुरी ने क्या कहा
सीताराम येचुरी ने कहा कि उनको मेरे भाषण के हिंदी संस्करण में कुछ भी गलत नहीं मिला था। यह केवल अग्रेजी का ही ट्रांसलेशन था। लेकिन उनके सुझाव के बाद अंग्रेजी संस्करण को सही किया गया है। वहीं, जी देवराजन ने कहा कि मेरे भाषण में सीएए में भेदभावपूर्ण धाराओं को लेकर एक लाइन थी। उन्होंने मुझसे कहा कि मुझे इसमें से मुस्लिम शब्द को हटाना पड़ेगा। मैंने कहा कि इस शब्द का इस्तेमाल मुसलमानों के खिलाफ भेदभाव को सामने लाने के लिए किया जाना चाहिए।
यह शब्द सभी अल्पसंख्यक समुदाय के बारे में दिखाता है। लेकिन मुझे इस बात की इजाजत नहीं दी गई। सीताराम येचुरी ने कहा कि भारत के लोकतंत्र में हर एक पार्टी को शासन के चरित्र के बारे में अपनी राय रखने की इजाजत है। शासन के दिवालियापन शब्द को हटाना और उसकी जगह पर विफलता शब्द को शामिल करने का सुझाव केवल केंद्र सरकार के चरित्र को ही दिखाता है।