दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा से अधिवक्ता जय अनंत देहाद्राय द्वारा दायर याचिका पर जवाब मांगा। यह याचिका उस आदेश के खिलाफ दाखिल की गई है जिसमें उन्हें एक पालतू कुत्ते को अपने पास रखने को लेकर जारी विवाद को सार्वजनिक करने से रोका गया है।
जस्टिस मनोज जैन ने अपील पर महुआ मोइत्रा को नोटिस जारी किया और पक्षकारों से पूछा कि वे एक साथ बैठकर अदालत के बाहर इस मुद्दे को क्यों नहीं सुलझा लेते। दोनों के बीच कथित तौर पर करीबी संबंध थे लेकिन बाद में वे अलग हो गये। अदालत को बताया गया कि महुआ मोइत्रा द्वारा निचली अदालत में दायर मुकदमे में अनुरोध किया गया था की ऐसी व्यवस्था की जाए कि उनका पालतू कुत्ता रॉटवीलर ‘हेनरी’ दोनों के पास रह सके।
मुकदमे के बारे में सार्वजनिक रूप से किसी को भी बताने से रोक
अनंत देहाद्राय ने अधीनस्थ अदालत के एकपक्षीय आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें यह निर्देश दिया गया था कि यह सुनिश्चित किया जाए कि वर्तमान कार्यवाही को किसी भी तरह से प्रचारित नहीं किया जाएगा। उन्होंने इसे व्यापक प्रतिबंध आदेश बताया और कहा कि उन्हें टीएमसी सांसद के मुकदमे के बारे में सार्वजनिक रूप से किसी को भी बताने से रोका गया है।
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अनंत देहाद्राय की दिल्ली हाईकोर्ट में अपील
इस मामले की चर्चा करने पर भी ट्रायल कोर्ट ने दोनों पक्षों पर रोक लगा रखी है। फिर भी जब अनंत देहाद्राय की ओर से इसको लेकर एक्स पर एक पोस्ट किया गया तो अदालत ने इसे आदेश का उल्लंघन मानते हुए उनके खिलाफ अंतरिम निषेधाज्ञा जारी कर दी। दिल्ली हाईकोर्ट में देहाद्राय ने इसी आदेश को चुनौती दी है। उनकी दलील है कि इस तरह की पाबंदी उनकी फ्री स्पीच के मौलिक अधिकार का हनन करता है। अनंत ने यह भी दलील दी है कि उन्हें ऐसे मामले पर चर्चा से नहीं रोकना चाहिए।
अनंत देहाद्राय की ओर से पेश वरिष्ठ वकील संजय घोष ने कहा कि उनके मुवक्किल मार्च 2025 के ट्रायल कोर्ट के फैसले से आहत हैं, जिसमें पार्टियों को इस केस पर बात करने से रोका गया है। यह आदेश टीएमसी सांसद की याचिका पर जारी किया गया था। अब देहाद्राय की शिकायत है कि इस तरह के आदेश का मतलब है कि वह कुत्ते के अस्तित्व के बारे में भी सार्वजनिक तौर पर कुछ नहीं कह सकते। दिल्ली हाईकोर्ट ने इस केस में महुआ मोइत्रा से जवाब मांगा है और सुनवाई की अगली तारीख 22 दिसंबर दी है। पढ़ें- तसलीमा नसरीन बोलीं- इनको खून-खराबा और कत्लेआम पसंद है
(इनपुट-भाषा)